यही कारण है कि खेल एवं युवा मंत्रालय मिशन ओलिंपिक-2028 के तहत यहां जूडो हॉल बनाएगा। यह एशिया का पांचवां अत्याधुनिक हॉल होगा। इंटरनेशनल जूडो हॉल तैयार करने में 16 करोड़ खर्च किए जाएंगे। केंद्र ने इसके लिए राशि भी जारी कर दी है। राज्य सरकार की अनुमति मिलते ही निर्माण शुरू हो जाएगा।
2022 में इंडोनेशिया में हुई जूनियर वर्ल्ड स्पर्धा में तनिशा नागर ने गोल्ड और आयरा चिश्ती ने सिल्वर दिलाया था। 2022-23 में यहां के एथलीट ने इंटरनेशनल में 9 गोल्ड, 4 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। वहीं, नेशनल में 24 गोल्ड सहित 59 मेडल जीत चुके हैं।
अमरीका से यूरोप तक के हॉल देखे :
कोच यशपाल सोलंकी का कहना है कि जूडो हॉल अमरीका और यूरोपीय देशों के हॉल की तरह ही अत्याधुनिक होगा। एसी हॉल में एक समय में 200 खिलाड़ी एक साथ प्रशिक्षण ले सकेंगे। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबले किए जा सकेंगे। इसमें खिलाड़ियों के लिए 6 मेट्स होंगी। दो मंजिला इमारत में मेडिकल सुविधा, जिम, कोच रूम, हाइड्रो थैरेपी, मसाज रूम से लेकर खिलाड़ियों से जुड़ी हर सुविधा मौजूद होगी।
वर्तमान में साई भोपाल में 6 खेलों का प्रशिक्षण दिया जाता है। अब 2028 ओलिंपक में देश को मेडल दिलाने का टारगेट लेकर काम किया जा रहा है। पहले चरण में खिलाड़ियों की संख्या 87 से बढ़ाकर 100 की गई। इसे बढ़ाकर 200 तक ले जाने की योजना है।
इसके लिए देशभर के श्रेष्ठ खिलाड़ियों में से चुनिंदा खिलाड़ियों को ट्रायल के जरिए शामिल किया जा रहा है। अभी जूडो-वुशू की ट्रेनिंग साथ होती है। ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए जूडो के लिए नया ट्रेनिंग हॉल तैयार किया जा रहा है। अभी खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने के लिए यहां 11 कोच पदस्थ हैं।