भोपाल। भोपाल सेंट्रल जेल से फरार हुए और बाद में एनकाउंटर में मारे गए सिमी आतंकी जेल में बंद रहने के दौरान आंतकी अंग्रेजी सीख रहे थे। इस लर्निंग प्रोसेस में उनकी मदद दो लोग कर रहे थे इन्हीं में से एक था बीएचईएल(भेल) का पूर्व कर्मचारी।
चैक बाउंस होने के मामले में जेल में बंद इस पूर्व भेल कर्मचारी के अलावा एक अन्य कैदी की मदद से सिमी के ये आतंकी तीन महीने से अंग्रेजी सीख रहे थे।
अंग्रेजी की करस्यू राइटिंग कॉपिया भी मिलीं
इन तीन महीनों में वे काफी बेहतर तरीके से अंग्रेजी सीख चुके थे। अंग्रेजी सिखाने वाले दोनों लोगों से पूछताछ कर ली गई है खुफिया एजेंसी को आतंकियों के बैरक से अंग्रेजी की करस्यू राइटिंग सीखने के कॉपिया भी मिली हैं, जिसकी वे प्रैक्टिस करते थे अंग्रेजी सीखने के पीछे मुख्य उद्देश्य जेल ब्रेक के बाद की तैयारियों का था।
जेंटलमेन दिखे तो नहीं पकड़ पाएगी पुलिस
जेल ब्रेक के बाद खुफिया एजेंसी द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया कि अंग्रेजी सीखने के पीछे आतंकियों की मंशा थी की वे जहां छिपकर रहे वहां उनकी पहचान उच्च वर्ग के तौर पर हो।
उन्होंने यह भी तय कर रखा था कि वे अब डेढ़ से दो हजार रुपए वाले मकान के बजाय पॉश कॉलोनी के फ्लैट में रहेंगे। इसका कारण था ताकि वे पुलिस की गिरफ्त से सेफ रह सकें।
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