हर दुकानदार माह में एक-दो वाहन बेच पाता है। कई दुकानों पर एक माह पुराने वाहन भी मिल जाते हैं। पता चला है कि कुछ लोग एक दो हादसे के बाद अंधविश्वास के चलते वाहन बेच देते हैं। इन पुराने वालों में सबसे ज्यादा मारुति, महिन्द्रा, हुंडई की मांग रहती है। हालांकि अन्य कम्पनियों के बाहन भी बिकते हैं।
चौपहिया वाहन विक्रेता ने बताया कि कोई वाहन बेचने या खरीदने आता है तो पूरी खोजबीन की जाती है। वाहन के नम्बर फर्जी तो नहीं है। राजस्थान के किसी भी जिले की होने पर उसकी जानकारी परिवहन विभाग से भी ले सकते हैं। विक्रेता वाहन बेचते समय खरीदार से तीन फोटो, आईडी व पते की जानकारी भी लेते हैं।
वाहन खरीदने से पहले यह रखें ध्यान पुराने वाहन खरीदने से पहले हर व्यक्ति को मुख्य रूप से इसके इंजन व चेचिस नम्बर के आधार पर पता कर लेना चाहिए कि जो वाहन खरीद रहे हैं वह कौनसा मॉडल है। इस वाहन का रखरखाव कैसा है। सीटें व सीट कवर ठीक है या नहीं। वाहन में कोई पार्ट पुराना या खराब तो नहीं हो रहा है। वाहन पर कोई ऋण तो नहीं है। या उस पर पुलिस कैस तो नहीं है। कई बार चोरी बाहन भी आते हैं। लेकिन उसकी भी जानकारी लेनी होगी।
राजस्थान के बाहर का नहीं लेते वाहन राजस्थान के किसी भी जिले का बाहन खरीदे व बेचे जा सकते हैं। राजस्थान से बाहर के आने वाले वाहन नहीं लेते हैं। लोगों को प्रमुखता नम्बर व रख-रखाव पर रहता है। हर व्यक्ति एक-दो साल पुराने वाहन ही ज्यादा खरीदते हैं। पुराने वाहनों का कारोबार शहर ही नहीं जिले में भी चल रहा है।
मुकेश खटीक, चौपहिया वाहन विक्रेता