ऐसे में आंगनवाड़ी में लोग अपने बच्चों को भेजने से हिचकते हैं। अगर यहां भी यूनीफार्म की व्यवस्था होगी तो बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। कार्यकर्ताओं ने बताया कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में लोग कूपोषण होने पर भी बच्चे को केन्द्र पर नहीं लाते हैं। प्रमुख सचिव राजन ने कहा कि आप लोग उन्हें जाकर समझाएं, लगातार प्रयास करें सफलता जरुर मिलेगी। राजन ने कार्यकर्ताओं से मिले सुझावों पर अमल पर भी विचार करने की बात कही।
प्रदेश की तकरीबन दो लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं से लाइव फोन इन के जरिए अफसरों ने बात की। कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का सुझाव था कि दूरदर्शन पर छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं से जुड़े कार्यक्रम बनाए जाना चाहिए। गांवों में इन्हें महिलाओं को दिखाकर जागरुक किया जा सकता है। इस दौरान महिला बाल विकास विभाग ने सेल्फी विद आंगनवाड़ी कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। प्रदेश की दस आंगनवाडिय़ों को इसके लिए पुरस्कृत भी किया गया।