भोपाल। मध्यप्रदेश में एक गांव ऐसा है जहां हर एक व्यक्ति का जन्म दिन 1 जनवरी को आता है। वाकई हैरान कर देने वाली बात है। हर उम्र के व्यक्ति के आधार कार्ड और वोटर आईडी भी इसकी गवाही देते हैं।
बालाघाट जिले की टेकाड़ी पंचायत के चिखलाबड्डी गांव में कुल 48 परिवार हैं, जिनमें 24 बैगा परिवार रहते हैं, जबकि इतने ही आदिवासी रहते हैं। लगभग दो सौ की जनसंख्या वाले इस गांव में सभी की जन्म तारीख शासकीय रिकार्ड में एक जनवरी ही अंकित है।
(गांव के इन सभी लोगों के आधार कार्ड और वोटर आईडी में जन्म तिथि लिखी है एक जनवरी।)
अलग-अलग सन में पैदा हुए, लेकिन तारीख एक
यहां के ग्रामीणों के आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड में पैदा होने का वर्ष सभी का अलग-अलग है, लेकिन जन्म दिनांक सभी की एक जनवरी ही है। इसे देखकर लगता है कि यह सरकारी लापरवाही है।
यह भी है खास
-बैगा जनजाति के जाति प्रमाण पत्र नहीं है।
-5वी के ऊपर गांव में स्कूल नहीं।
-5वी के बाद 10KM दूर टेकाड़ी गांव में पढ़ाई के लिए जाते हैं बच्चे।
-जंगली जानवरों के डर से बच्चे नहीं जाते पढ़ने।
-गांव तक पहुंच मार्ग भी नहीं है।
-बारिश के दौरान शहरों से टूट जाता है संपर्क।
-जानवरों के डर से शाम को घरों में दुबक जाते हैं लोग।
इस गांव में है 70 साल का युवक
सरकारी लापरवाही की हद यह भी है कि यहां ज्ञान सिंह नामक 35 साल के युवक की उम्र दस्तावेजों में 1 जनवरी 1947 दर्द है। इतना ही नहीं उसके कार्ड में स्त्रीलिंग लिखा हुआ है।
होगी कार्रवाई
बालाघाट कलेक्टर भरत यादव ने भी माना है कि चिखलाबड्डी गांव के ग्रामीणों की जन्म तारीखों में लापरवाही हुई है। जांच के बाद कार्रवाई जरूर की जाएगी।
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