सावन सोमवार पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने और पूजा करने के लिए भक्त रात से ही कतार में लग गए थे। सुबह पट खुलते ही दर्शन और पूजन का सिलसिला प्रारंभ हो गया।
सोमवार को दोपहर में भगवान ओंकारेश्वर की भोग आरती होगी। इसके बाद ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का शृंगार किया जाएगा। भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को फूलों के साथ ही भांग से भी सजाया जाएगा। उन्हें मेवे अर्पित किए जाएंगे। खास बात यह है कि सावन सोमवार के मौके पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर 501 किलो मिष्ठान्न चढ़ाए जाएंगे। भोग के रूप में उन्हें लड्डू व पेड़े अर्पित किए जाएंगे।
शाम चार बजे भगवान ओंकारेश्वर की पालकी यात्रा निकाली जाएगी। मंदिर से प्रारंभ होकर पालकी यात्रा कोटितीर्थ घाट पहुंचेगी। इसके बाद ओंकारेश्वर नाव से गोमुख घाट पहुंचेंगे। गोमुख घाट पर भगवान ममलेश्वर की भी पूजा और अभिषेक होगा।
इधर श्रावण के तीसरे सोमवार पर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी भक्तों की लंबी कतार लगी है। यहां महाकाल के दर्शन करने लोग आधी रात को ही लाइन में लग गए थे। महाकाल को भस्म अर्पित कर उनका श्रृंगार किया गया। भस्मारती के साथ ही महाकाल के दर्शन का सिलसिला प्रारंभ कर दिया गया था।