सरकार बिरसा मुंडा स्वरोजगार के माध्यम से विनिर्माण की गतिविधियों के लिए 1 लाख से 50 लाख रुपए और सेवा व्यवसाय से जुड़ी गतिविधियों के लिए 25 लाख रुपए तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने जा रही है। इसमें बैंक द्वारा दिए गए लोन पर 5 फीसदी सालाना की दर से ब्याज अनुदान और बैंक लोन गारंटी शुल्क का भुगतान 7 साल तक वित्त विकास निगम करेगा।
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स्पेशल प्रोजेक्ट के लिए मिलेगा 2 करोड़ अनुदान
इसी तरह टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के माध्यम से ऐसे अनुसूचित जनजाति के सदस्य, जो आयकर दाता नहीं है और उम्र 18 से 55 साल के बीच है। ऐसे लोगों को खुद का रोजगार शुरु करने के लिए 10 हजार से 1 लाख रुपए तक का लोन दिलाया जाएगा, जिसमें 7 फीसदी साल का ब्याज अनुदान और बैंक गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर 5 वर्ष के लिए दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति स्पेशल प्रोजेक्ट के जरिए सरकार द्वारा 2 करोड़ रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा।
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