राज्य सरकार मध्यप्रदेश की सबसे लंबी नदी नर्मदा को निर्मल बनाने की कवायद में जुटी है। उद्गम स्थल अमरकंटक से निकलकर गुजरात के भरूच की खम्भात की खाड़ी में समुद्र में समाने तक नर्मदा 1312 किलोमीटर की यात्रा करती है। इसमें एमपी में नर्मदा करीब 1077 किलोमीटर में बहती है। प्रदेश में कई जगहों पर नर्मदा में गंदे पानी को रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं।
अब राज्य सरकार ने प्रमुख रूप से नर्मदा किनारे के 10 शहरों के लिए खास योजना बनाई है। 1618 करोड़ रुपए के बजट में इन शहरों में नर्मदा को स्वच्छ बनाने की योजना पर काम किया जाएगा। नर्मदा को साफ करने के साथ ही इन शहरों में पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य सरकार ने इसके लिए 873 करोड़ रुपए का एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक और जर्मन बैंक केएफडब्ल्यू से कर्ज लिया है।
मध्यप्रदेश में नर्मदा अमरकंटक से निकलती है और बड़वानी तथा सेंधवा से आगे जाकर गुजराज में प्रवेश कर जाती है। इस दौरान नर्मदा दोनों प्रदेशों के कई प्रमुख शहरों से होकर जाती है। इनमें नर्मदा किनारे के मध्यप्रदेश के 10 प्रमुख शहरों को संवारने की योजना बनाई गई है।
नर्मदा किनारे के इन शहरों में जबलपुर महानगर भी शामिल है। नर्मदा को निर्मल बनाने के लिए 1618 करोड़ रुपए के बजट में सबसे अधिक राशि भी यहीं खर्च की जाएगी। जबलपुर में नर्मदा की सफाई और शहर को संवारने में 540 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।