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कोरोना संक्रमण को देखते हुए परिवहन विभाग ने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर यात्री परिवहन को रोक दिया है। ऐसे में लोगों ने उत्तर प्रदेश की सीमा में जाने का नया तरीका निकाल लिया है। अब यह लोग सड़क मार्ग की बजाय नदी के रास्ते उत्तर प्रदेश सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। चंबल नदी के चैतपुरा घाट से होकर आना-जाना कर रहे हैं। यहां की सबसे खतरनाक बात यह है कि इस नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छ और घड़ियाल भी हैं।
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उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश सीमा पर स्थित चंबल नदी में जान जोखिम में डालकर आवाजाही लगातार जारी है। भिंड जिले से उत्तर प्रदेश जाने के लिए चंबल नदी के तीन घाट जैतपुरा, छूछरी और ज्ञापनपुरा घाट का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में लोग पैदल और वाहनों से भी नदी पार कर रहे हैं। इधर, मध्यप्रदेश से उत्तर प्रदेश आवाजाही करने वालों का रिकार्ड किसी के पास नहीं है। ऐसे में संक्रमण को रोकने और मानीटरिंग व्यवस्था सवालों के घेरे में है।
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घड़ियाल और मगरमच्छों से भरी है चंबल नदी
अटेर क्षेत्र की चंबल नदी को घड़ियाल सेंचुरी (alligator century) घोषित किया गया है। यहां बड़ी संख्या में घड़ियालों और मगरमच्छों की मौजूदगी है। इसके अलावा कई जगह नदी की गहराई अधिक है। हालात यह है कि दोपहिया वाहनों से नदी पार करने वालों से यहां बतौर टैक्स 50 रुपए की अवैध वसूली तक की जा रही है। लोग गहराई वाली जगह पर बाइक उठाकर ले जाते हैं। इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है।
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