अस्पताल में पिछले लम्बे समय से यह समस्या मरीजों व उनके परिजनों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। एक माह पूर्व स्ट्रेचर व कर्मचारी समय पर नही मिलने से एक मरीज ने तडफ़ते हुए गेट पर ही दम तोड़ दिया था। अस्पताल प्रशासन ने कर्मचरियों को पाबन्द भी किया था लेकिन हालात नही सुधरे। कर्मचारी ड्यूटी के समय नदारद रहते है। ड्रेस कोड नही होने से परिजनों को कर्मचरियों को पहचानने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
हेल्पर को ही टोली खींचने में लगाया
अस्पताल में ट्रोलीमैन अलग से नहीं है। हेल्पर को ही ट्रोली खींचने के लिए लगा रखा है। पिछले दिनों उपखण्ड अधिकारी से हुई चर्चा के बाद ट्रोलीमैन की भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू करने और उनका ड्रेस कोड अलग रखना तय हुआ था। भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद ही व्यवस्था माकूल होगी।
हरिशंकर शर्मा, नर्सिंग अधीक्षक, महात्मा गांधी अस्पताल