scriptजान से गया मरीज, फिर भी परिजन ही खींच रहे स्ट्रेचर | Stretchermen not found MGH in bhilwara | Patrika News
भीलवाड़ा

जान से गया मरीज, फिर भी परिजन ही खींच रहे स्ट्रेचर

जिले के सबसे बड़े महात्मा गांधी चिकित्सालय में मरीजों को लाने ले जाने के लिए स्ट्रेचरमैन भी नहीं मिलते

भीलवाड़ाJan 24, 2018 / 12:17 pm

tej narayan

Bhilwara, bhilwara news, Stretchermen not found MGH in bhilwara, Latest news in bhilwara, Bhilwara News in hindi, Hindi News in bhilwara, Latest hindi news in bhilwara

जिले के सबसे बड़े महात्मा गांधी चिकित्सालय में मरीजों को लाने ले जाने के लिए स्ट्रेचरमैन भी नहीं मिलते

भीलवाड़ा।

जिले के सबसे बड़े अ श्रेणी प्राप्त महात्मा गांधी चिकित्सालय में मरीजों को लाने ले जाने के लिए स्ट्रेचरमैन भी नहीं मिलते है। मरीज को अस्पताल लाने के बाद परिजनों को ही स्ट्रेचर ढुंढना पड़ता है। अपातकालीन चिकित्सा कक्ष में तो फिर भी स्ट्रैचर के साथ ही कर्मचारी भी मिल जाता है, लेकिन आउटडोर में आने वाले गंभीर मरीजों के परिजनों को तो इसके लिए परेशानियां झेलनी ही पड़ती है। कई बार स्ट्रेचर समय पर नही मिलने से मरीज गंभीर हो जाता है तो कई बार जान भी गंवा देता है। मरीजों की इस गंभीर समस्या पर ना तो प्रशासन ध्यान दे रहा है और ना ही जिला प्रशासन के अधिकारी।
PIC :बच्चों में दिखा सुभाषचंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद और भारत माता


अस्पताल में पिछले लम्बे समय से यह समस्या मरीजों व उनके परिजनों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। एक माह पूर्व स्ट्रेचर व कर्मचारी समय पर नही मिलने से एक मरीज ने तडफ़ते हुए गेट पर ही दम तोड़ दिया था। अस्पताल प्रशासन ने कर्मचरियों को पाबन्द भी किया था लेकिन हालात नही सुधरे। कर्मचारी ड्यूटी के समय नदारद रहते है। ड्रेस कोड नही होने से परिजनों को कर्मचरियों को पहचानने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
READ: फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन के विरोध में बाजार बंद, फिर टावर पर चढे दो युवक

आउटडोर में झेलनी पड़ती है परेशानियां

अपातकालीन चिकित्सा कक्ष में तो फिर भी स्ट्रैचर के साथ ही कर्मचारी भी मिल जाता है, लेकिन आउटडोर में आने वाले गंभीर मरीजों के परिजनों को तो इसके लिए परेशानियां झेलनी ही पड़ती है। कई बार स्ट्रेचर समय पर नही मिलने से मरीज गंभीर हो जाता है तो कई बार जान भी गंवा देता है।

हेल्पर को ही टोली खींचने में लगाया
अस्पताल में ट्रोलीमैन अलग से नहीं है। हेल्पर को ही ट्रोली खींचने के लिए लगा रखा है। पिछले दिनों उपखण्ड अधिकारी से हुई चर्चा के बाद ट्रोलीमैन की भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू करने और उनका ड्रेस कोड अलग रखना तय हुआ था। भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद ही व्यवस्था माकूल होगी।
हरिशंकर शर्मा, नर्सिंग अधीक्षक, महात्मा गांधी अस्पताल

Hindi News / Bhilwara / जान से गया मरीज, फिर भी परिजन ही खींच रहे स्ट्रेचर

ट्रेंडिंग वीडियो