READ: तीन हजार की रिश्वत लेते ऊंखलियां सचिव गिरफ्तार करणी सेना की महिला इकाई की जि़लाध्यक्ष प्रतिभाकंवर चुंडावत के नेतृत्व में दस अन्य क्षत्रणियों ने इच्छा मृत्यु से सम्बंधित हस्ताक्षर युक्त अलग अलग पत्र जि़ला कलेक्टर की अनुपस्थिति में जि़ला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजेंद्र सिंह राठौड़ को सौंपे और राष्ट्रपति तक उनका पत्र पहुंचाने की गुहार लगाई। करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह कटार ने बाद में बताया कि क्षत्रिय समाज ने पद्मावत फिल्म में गलत तथ्यांकन को लेकर सर्वोच्च स्तर तक विरोध पहुंचाया है।
READ: इंजेक्शन लगाने के लिए भी यहां करना पड़ता है मरीज को भर्ती, इमरजेंसी में नहीं नर्सिंग स्टाफ फिर भी सरकारों ने सकारात्मक सहयोग नहीं दिया है। अब समाज ने यह मुद्दा जनता की अदालत में डाल दिया है। फिल्म को किसी भी हालत में किसी भी टॉकीज में चलने नहीं दिया जाएगा। अब समाज इसके लिए एकजुट है। उन्होंने ज्ञापन में लिखा है कि मां पद्मिनी ने अपने सतीत्व की रक्षा के लिए 16 हजार नारियों के साथ जौहर किया। अब फिल्म निर्माता भंसाली इस इतिहास को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत कर रहे हैं। अब इस फिल्म को रिलीज करने से हमारे भी जीवन जीने की इच्छा खत्म हो गई है। इस कारण उन्हें इच्छा मृत्यु दी जाए।
पद्मावत फिल्म किसी भी हालत में नहीं चलने देंगे
करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेन्द्रसिंह कटार ने कहा कि पद्मावत फिल्म के विरोध का मुद्दा अब जनता की अदालत में डाल दिया है एवं फिल्म को किसी हालत में नहीं चलने दिया जाएगा। इसके लिए समाज को चाहे जो कुछ करना पड़े।