नवरात्र का पर्व है। शक्ति की प्रतीक देवी की आराधना हो रही है, लेकिन समाज में इसी देवी का स्वरूप बेटियां यानि हमारी आधी दुनिया चुनौतियों से जूझ रही है। सोशल मीडिया एवं स्मार्ट फोन के जमाने में बेटियों की सुरक्षा पर खतरा गहरा हो रहा है। भीलवाड़ा हो या अन्य कोई शहर बेटियों पर अनजाना खतरा मण्डरा रहा है। जब से स्मार्ट फोन आया है बेटियां पलक झपकते अनजाने कैमरों में कैद हो रही है। फोटो एडिटिंग से जुड़े कुछ एप का दुरूपयोग कर बेटियों की अस्मिता को चोट पहुंचाई जा रही है। अनजाने कैमरों में कैद होने का अहसास उस समय होता है, जब कोई ब्लेकमैलिंग या गलत मनोवृति से उस फोटो का उपयोग करने का प्रयास करता है। सोशल मीडिया पर भी बेटियों की भावनाओं से खेला जा रहा है।
सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म पर लड़कियों के नाम फर्जी प्रोफाइल तैयार कर उन्हें फंसा रहे हैं। एेसे प्रोफाइल से प्रभावित होकर कई बार अनजानी मासूम लड़कियां शिंकजे में फंस जाती है। हकीकत जब सामने तब तक उसे बहुत नुकसान हो चुका होता है।
नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे-4(2015-16 ) के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में प्रति हजार पुरूष महिलाओं की संख्या 973 है।
एनएचएफएस-4 के अनुसार राज्य में शहरी क्षेत्र में तो यह लिंगानुपात मात्र 928 ही है।
सर्वे के अनुसार राज्य में पांच वर्ष से कम उम्र के जिन बच्चों का पंजीयन कराया गया है उनमें लिंगानुपात प्रति हजार
पुरूष मात्र 887 है। इनमें शहरी क्षेत्र में 845 एवं ग्रामीण
क्षेत्र में 899 है।
वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार भीलवाड़ा जिले में प्रति हजार पुरूष पर महिलाएं मात्र 973 है।
सोशल मीडिया पर ये रखें सावधानी
किसी अनजाने प्रोफाइल भेजी गई ‘फै्रण्डशिप रिक्वेश्ट’ को स्वीकार करने से बचे।
सोशल मीडिया पर किसी बड़ी हस्ती की प्रोफाइल को हकीकत नहीं मान ले। उसकी वास्तविकता का जरूर पता लगाएं। हो सकता है बड़ी हस्ती के नाम का फेक अकाउन्ट हो।
स्मार्ट फोन से कोई अनजाना व्यक्ति फोटो या वीडियो लेने का प्रयास करे तो तुरन्त आपत्ति करें। उसके नहीं मानने पर कानूनी रूप से शिकायत भी
दर्ज कराएं।