मां के दूध के अभाव में किसी नवजात की जान न जाए और जन्म के 28 दिन तक कोई बच्चा मां के दूध से वंचित ना रहे इस उदेश्य से यहां मदर मिल्क बैंक बनाया, जिसमें अब तक 731 नवजातों को 6944 यूनिट मां का दुध मुहैया करा चुका है। बैंक कर्मचारियों दूध दान के लिए प्रेरित करते हैं।
20 फरवरी 2017 से महात्मा गांधी चिकित्सालय में संचालित मिल्क बैंक ने स्थानीय नवजातों को मां का दूध उपलब्ध कराया, साथ ही 1600 यूनिट दूध अजमेर भी भेजा। अब तक तीन बार अजमेर दूध भेजा जा चुका है।
मिल्क बैंक से एमजीएच के पालना गृह में आने वाले नवजात व मां की मौत के बाद वंचित बच्चे भी लाभान्वित हुए। 4 जून 2017 को माण्डल निवासी अमन बिड़ला की पत्नी अंकिता की मौत के बाद उनके जुड़वा बच्चों को मां का आंचल मिल्क बैंक ने ही उपलब्ध कराया। गुलजार नगर के आरीफ मोहम्मद की पत्नी सलमा की मौत के बाद उसके नवजात के पोषण के लिए भी मदर मिल्क बैंक मां बना।
मिल्क बैंक कर्मचारियों द्वारा दानदाता की संख्या में इजाफे के लिए काउंसलर वार्डो में जाकर धात्री माताओं को दूध दान को प्रेरित कर रहे है लेकिन कुछ माह से खास इजाफा नहीं कर पाए। इसके पीछे बड़ा कारण है कि मातृ एवं शिशु वार्ड के नए भवन में शिफ्ट होने के बाद सामान्य प्रसूताओं को 24 घंटे में छुट्टी दी जा रही है। एेसे में दूध दान को तैयार होने तक प्रसूता घर पहुंच जाती है।
दानदाता माताओं की संख्या फरवरी 38
मार्च 140
अप्रेल 146
मई 91
जून 81
जुलाई 166
अगस्त 169
सितम्बर 188
अक्टूबर 163
नवम्बर 245
दिसम्बर 155
जनवरी 103
14 फरवरी 2018 तक 71
कुल 1756
यूनिट्स में
20 फरवरी को वार्षिकोत्सव मदर मिल्क बैंक स्थापना के एक वर्ष पूर्ण होने पर 20 फरवरी को वार्षिकोत्सव मनाएगा। प्रात: 10 बजे से 11.30 बजे तक समारोह में स्थापना से अब तक सर्वाधिक बार दूध दान करने वाली तीन माताआें व जनवरी माह में दूध दान करने वाली तीन माताओं का सम्मान किया जाएगा। मिल्क बैंक की फरवरी 2017 में स्थापना के बाद से लेकर अब तक 1756 माताएं मिल्क बैंक में पंजीयन कराकर दूध दान के लिए आगे आई है। इन दानदाता माताओं ने 2 लाख 93 हजार 935 मिली लीटर (9 हजार 318 यूनिट) दूधदान किया। यह दान इन महिलाओं ने स्वेच्छा से किया है।