वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीतमसिह भुरटिया ने बताया कि राजस्व सेवा परिषद ने अनर्गल पदों का सृजन करवाया और अब उन्ही पदों को वापस खत्म करने की मांग की जा रही है। यदि राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों को मिलने वाले कोटे से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की गई तो बर्दाश्त नहीं करेंगे। महामंत्री टीलसिंह महेचा ने बताया कि राजस्व सेवा परिषद की नीति से राजस्व विभाग में वर्ग संघर्ष पैदा हो गया।
विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत जिले के समस्त मंत्रालयिक कार्मिको के 5 वें दिन भी हड़ताल पर रहने से जिला मुख्यालय के साथ ही समस्त उपखण्ड व तहसील कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ। राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार गोखरू ने बताया कि अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों में मामलों में सुनवाई नहीं हुई। महासंघ के जिलाध्यक्ष आशुतोष आचार्य, राजेंद्र सिंह हाड़ा, सुरेशचंद्र शर्मा, विनीत कुमार पटवारी, आनंद शर्मा, चन्द्र सिंह, हरिसिंह, देवेंद्र सिंह, राहुल शर्मा आदि महापड़ाव में मौजूद रहे।