कोठारी ने आरोप लगाया कि कंपनी को दिसंबर 2017 तक 1100 करोड़ रुपए का स्टील प्लांट लगाना था, जो आज तक नहीं लगा। जिंदल ने प्लांट के लिए पानी की जरूरत होने की बात एनजीटी में कही तो न्यायालय ने प्रोसेस हाउस से निकलने वाला पानी काम में लेने को कहा। हालांकि कंपनी ने इस पानी को काम में लेने से मना कर दिया। उसके बाद कुवाड़ा में 8 बीघा जमीन नगर निगम ने निशुल्क दी थी। कुवाड़ा में 10 एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना था। जो अभी तक चालू नहीं हुआ है। कोठारी ने सीएम से कंपनी को पौधारोपण व गोशाला संचालन एवं प्रबंधन कार्य के लिए पाबंद कराने की मांग की है।