सिने में दर्द न चुभन
कोरोना के साथ दबे पांव आ रहा साइलैंट अटैक
Chest pain and pricking in bhilwara
भीलवाड़ा
सिने में दर्द न चुभन। मामूली श्वास लेने में तकलीफ होती है। बैठे-सोते दबे आ रही मौत यह डरावना है लेकिन हकीकत है। महात्मा गांधी चिकित्सालय के अनुसार कोरोना काल में अब तक एक दर्जन से अधिक लोग हार्ट अटैक के कारण मौत के मुंह में समाए हैं। यह सभी साइलैंट अटैक के शिकार हुए हैं।
एमजीएच अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने बताया कि जब किसी व्यक्ति को साइलेंट हार्ट अटैक होता है तो उसे सीने में किसी प्रकार का दर्द हो यह जरूरी नहीं हैं। मरीज को पता ही नहीं चलता की क्या हुआ। मरीज सामान्य रूप से अपने काम को अंजाम देता है। इसलिए इसके संकेत और लक्षण को पहचनना काफी मुश्किल हो जाता है। इससे उसकी मौत हो जाती है। साइलेंट अटैक के 99 प्रतिशत लोग तुरंत उपचार के लिए चिकित्सक के पास नहीं पहुंच पाते और मौत हो जाती है।
दर्द का संकेत देने वाली नसें होती हैं खराब
गौड़ ने बताया कि दर्द एक अहसास है। दिमाग को इसका संकेत कुछ खास नसों के माध्यम से मिलता है। आमतौर पर लंबे समय से डायबिटीज से पीडि़त व्यक्तियों या फिर बुजुर्गों के शरीर की इन नसों में खराबी हो जाती है। इसके कारण सीने में जलन और दर्द का एहसास नहीं होता। जिस वजह से व्यक्ति साइलेंट हार्ट अटैक को महसूस नहीं कर पाता। उन्होंने बताया कि साईलेंट अटैक के कारण दिल की धड़कन बंद हो सकती है। इससे मौत हो जाती है। उच्च रक्तचाप व शुगर के मरीजों में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। ओपीडी में अक्सर मरीज घराहट व बेचैनी जैसे लक्षण लेकर आते हैं। उनकी ईसीजी के दौरान साईलेंट हार्ट अटैक की पहचान होती है। गत दिनों महात्मा गांधी अस्पताल का एक कर्मचारी भंवरलाल कोली शाहपुरा से भीलवाड़ा आते समय साइलेंट हार्ट अटैक आया तथा अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया था। इसी प्रकार सहायक जनसम्पर्क अधिकारी शीतल वैष्णव अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुके थे।
साइलेंट हार्ट अटैक के संकेत
अचानक पसीना आना। सांस लेने में परेशानी। जी मचलाना। अचानक कमजोरी महसूस होना। गले या जबड़े में तकलीफ होना यह प्रारम्भिक लक्षण होते है।
साइलेंट हार्ट अटैक के कारण
ज्यादा तेल और वसायुक्त भोजन करना। फास्ट फूड का सेवन करना। व्यायाम न करना। शराब और सिगरेट पीना। डायबिटीज और मोटापा होना। तनाव और अनीद्रा के कारण अटैक के प्रमुख कारण है।
साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
हमेशा सलाद और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। रोजाना टहलें और व्यायाम करें। सिगरेट और शराब से परहेज करें। तनाव को दूर रखें, हमेशा खुश रहें। समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाते रहना चाहिए।
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