साइबर ठगी से जुड़ी व बचाव को लेकर पत्रिका ने वरिष्ठ नागरिकों से चर्चा की। अपने अनुभव साझा किए। बचाव के तरीके बताए। शहर में काशीपुरी रोड स्थित एक प्रतिष्ठान पर चर्चा में कुछ वरिष्ठों ने बताया कि वे कैसे ठगों के झांसे में आए, लेकिन सजग रहने से अपने पैसा भी बचा लिया। रिटायर्ड अधिकारियों ने बताया कि आज कई तरह के सॉफ्टवेयर बाजार में आ गए हैं। इससे बचना मुश्किल है, लेकिन नामुकिन नहीं है। तकनीक के इस दौर में हर उम्र के लोगों को सजग रहना बेहद जरूरी है।
इनका रखें ध्यान तो रहेंगे सेफ रिटायर्ड अधिकारियों ने बताया कि सोशल मीडिया या फोन पर किसी भी व्यक्ति को निजी जानकारी न दें। वीडियो कॉल पर कभी भी पुलिस या जांच एजेंसियां पूछताछ नहीं करती। ऐसा हो तो समझें यह फर्जी कॉल है। उस फोन को तुरंत काट देना चाहिए। ऐसे कई फर्जी कॉल आते हैं जो अपने रिश्तेदार का नाम बताकर भी रुपयों की मांग की जाती है। एसी कॉल आने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
साइबर ठगों के हथकंडे समझने होंगे हादसे के शिकार एक बुजुर्ग ने बताया कि हर व्यक्ति को साइबर ठगी के नए हथकंडे को समझना चाहिए। मैंने कभी ऑनलाइन लेन-देन नहीं किया। ओटीपी भी नहीं दिया, लेकिन जागरूकता की कमी से ठगी का शिकार हुआ। लोग जागरूक होंगे तो जाल में नहीं फंसेंगे। साइबर फ्रॉड के लिए सरकार को सख्त कानून बनाने चाहिए ताकि लोगों में इसके प्रति डर पैदा हो सके।
अज्ञात लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक ना करें वरिष्ठ नागरिकों ने कहा कि साइबर ठगों से बचने के लिए खुद सजग रहें। किसी अनजान व्यक्ति से ईमेल आईडी, पासवर्ड, बैंक खाता विवरण वगैरह साझा न करें। अज्ञात माध्यम से आए लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक ना करें। अज्ञात व्यक्तियों की ओर से साझा ऐप्स इंस्टॉल ना करें। केवल आधिकारिक ऐप स्टोर से ही ऐप्स डाउनलोड करें। अगर लगता है कि आप ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो गए तो तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर थाने को सूचना दें।
कोई भी विभाग मैसेज नहीं करता साइबर ठग ईडी, इनकम टैक्स समेत अन्य सरकारी विभाग के नाम से मोबाइल पर मैसेज करते हैं। यह सबको जानना जरूरी है कि कोई भी सरकारी विभाग किसी भी व्यक्ति के मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से या फोन कर सूचना नहीं देता है। साइबर ठगी की सूचना www.cybercrime.gov.in या 1930 पर दे सकते हैं।
बच्चों को फोन ना दें छोटे बच्चों को अपना फोन नहीं देना चाहिए। वे किसी भी लिंक को दबा देगा तो अपना खाता खाली हो सकता है। सरकार को चाहिए की ट्रूकॉलर में असली नाम ही सामने आए, इसके लिए सिम कार्ड बेचने वाले को पाबंद करना चाहिए।
इन्होंने लिया हिस्सा पूर्व अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी बसंतीलाल मूंदड़ा, भीलवाड़ा इलेक्टि्रक डीलर्स एसोसिएशन के संरक्षक रामपाल सोनी, मंच सदस्य रामनारायण सोमानी, अजमेर डिस्कॉम के पूर्व निदेशक अरुण कुमार जागेटिया, राम निवास समदानी, पूर्व संयुक्त निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी दिनेशकुमार विजयवर्गीय, केबी जागेटिया, ट्रांसपोर्ट व्यवसायी सुरेश बिड़ला, अनिल माहेश्वरी, व्यापार महासंघ अध्यक्ष राजकुमार पोखरना, रमेश चन्द पटवारी तथा पूर्व शारीरिक शिक्षक चैनसुख टेलर ने टॉक शो में हिस्सा लिया।