महिलाओं ने घरों के बाहर गोबर से गोवर्धन महाराज बनाकर पूजा की। महिलाओं ने गोवर्धन पूजते हुए गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन महाराज की आकृति बनाकर पूजा की। पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर छोटे-छोटे समूह में पूरे विधि-विधान के साथ महिलाओं ने गोवर्धन की सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना कर परिवार में खुशहाली की कामना की। शहर के प्रमुख मंदिरों में अन्नकूट का पर्व मनाया गया। अनाज व सब्जियों से बना भोग लगाया गया। गाय और बैलों का पूजन किया गया।
अन्नकूट के प्रसाद के लिए लगी कतारें शहर के पेच एरिया के बालाजी मंदिर, संकटमोचन हनुमान मंदिर, वीर हनुमान मंदिर, सितारामजी बावड़ी, आरके कॉलोनी शिवमंदिर, आरसी व्यास के शिवमंदिर समेत अन्य मंदिर में अन्नकूट मनाया गया। संकटमोचन हनुमान मंदिर के महंत बाबूगिरी ने बताया कि चार हजार किलो से बनी सब्जियों का भोग लगाया। अन्नकूट को तैयार करने में 20 से अधिक तेल के टिन एवं पांच टिन घी का उपयोग किया गया। सब्जियों के साथ चावल एवं चवले का भी प्रसाद बांटा गया।
बालाजी मंदिर के पंडित आशुतोष शर्मा ने बताया कि 21 हजार किलो सब्जी से प्रसाद तैयार किया। इसके अलावा 55 कट्टे चावल, 35 कट्टे चवलों का गिरिराज स्वरुप बनकर हनुमानजी के सामने धरा गया। श्रीनाथ मंदिर की तर्ज पर हनुमानजी के सम्मुख गिरिराज स्वरूप चावल व चावलों का भोग लगाकर आरती के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया। सांगानेरं गेट स्थित दूदाधारी गोपाल मंदिर में गोवर्धन पूजा के बाद बेलों की पूजा की गई तथा अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया।
वीर सावरकर चौक में स्थित वीर हनुमान मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महेंद्र पाटिल व कोषाध्यक्ष दिनेश जागेटिया ने बताया कि आरती के बाद प्रसाद का वितरण किया। बाबाधाम में भी अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया गया। आजाद नगर स्थित सांवरिया मन्दिर में 251 किलो से तैयार अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया।आजाद नगर डी सेक्टर विकास समिति के तत्वावधान में पार्क में 300 किलो का प्रसाद बनाकर चारभुजा महाराज को भोग लगाया। लादू लाल शर्मा, योगेश शर्मा, विनोद दुबे, महावीर सिंह, ललित शर्मा, भरत शर्मा उपस्थित थे। उधर, शाम की सब्जी मंडी स्थित झूलेलाल मंदिर में झूलेलाल नवयुवक सेवा संस्थान की ओर से 751 किलो प्रसाद का भोग भगवान झूलेलाल को अर्पित किया। मूलचंद बहरवानी ने बताया कि अन्नपूर्णा रथ के माध्यम से कच्ची बस्तियों में प्रसाद का वितरण किया गया। भोग आरती और पल्लव पंडित दशरथ मेहता, दीपक शर्मा, बाबूलाल शर्मा और देवदत्त त्रिपाठी ने पूजा कराई।
भाई दूज का पर्व आज पंचाग के अनुसार भाई दूज रविवार को मनाई जाएगी। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक होता है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को सम्मानित करने और स्नेह को प्रकट करने का एक प्रमुख पर्व है। बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सफलता, और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं और व्रत रखती हैं।जबकि भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा व खुशहाली का वचन देते हैं।