राज्य सरकार ने सत्र 2023-24 में राज्य के 672 उच्च प्राथमिक स्कूलों को सीधे उच्च माध्यमिक स्कूलों में क्रमोन्नत किया था। क्रमोन्नत सभी स्कूलों में कला संकाय के तहत तीन-तीन ऐच्छिक विषय दिए हैं। इनमें राजनीतिक विज्ञान, हिंदी साहित्य, भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, होम साइंस, उर्दू आदि शामिल हैं। क्रमोन्नत स्कूलों में कुछ स्कूलों के पास के सरकारी स्कूलों में कला संकाय होने के कारण अपग्रेड स्कूलों में विज्ञान व वाणिज्य संकाय शुरू करने की मांग उठ रही है।
उधर, शिक्षा सत्र 2024- 25 में प्रवेश की प्रक्रिया अब संपन्न हो चुकी है। ऐसे में शिक्षा निदेशक ने इस सत्र के लिए पूर्व में प्रस्तावित कला विषयों में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों के लिए संबंधित विषयों की स्वीकृति इस शर्त पर दी कि इस सत्र में यही विषय संचालित रहेंगे। आगामी सत्र में प्रवेश से पहले संबंधित संस्था प्रधान को अनुमति लेनी होगी। आदेश के तहत भीलवाड़ा, शाहपुरा व ब्यावर जिले के 32 सरकारी विद्यालय उच्च प्राथमिक विद्यालय से उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत होंगे।
जिले में एक मात्र विद्यालय में राजस्थानी निदेशक के आदेश के अनुसार राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय लादुवास में कला संकाय के तहत राजस्थानी, भूगोल और इतिहास विषय संचालन की अनुमति दी है। सरपंच मुरलीधर जोशी ने कहा कि मातृभाषा राजस्थानी विषय खुलने से ग्रामीण परिवेश के स्थानीय विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। जिले के स्कूलों में पहली बार राजस्थानी वैकल्पिक विषय के रूप में खुलने पर राजस्थानी भाषा बौद्धिक चिंतन परिषद के जिला पाटवी योगेश दाधीच, प्राध्यापक भगत सिंह, चंद्रशेखर सिंह दहीमथा, अभिषेक जायसवाल, युगीन साहित्य प्रवाह संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष सतीश व्यास ने हर्ष जताया।
ये विद्यालय क्रमोन्नत बदनोर के झरडू का खेड़ा, शाहपुरा के रघुराजपुरा, मांडल के हरिपुरा, करेड़ा का गोमा का बाडि़या, बड़ला, डोडवानिया को खेड़ा, कलूडिंया, अलोली, मियाला, आगरिया, भादसी, चेनपुरा, जगपुरा, हुरड़ा, कवलियास, खेजड़ी, रूपाहेली कलां, चांदरास, लादुवास, जोजवा, लाडपुरा, सिंगोली, खाखलिया, खामोर, लसाडि़या, रहड़, दरीबा, तख्तपुरा, पीपली, घेवरिया, थलोदा तथा दलपुरा स्कूल।