टीचरों ने अपने अनुभव बताए। बचाव के लिए क्या करना चाहिए, उसके तरीके भी बताए। एक प्रधानाचार्य ने बताया कि जब से राजस्थान पत्रिका में साइबर क्राइम को लेकर समाचार आ रहे हैं, तभी से प्रार्थना के समय छात्रों को इसकी जानकारी दे रहे ताकि अपने घर पर भी चर्चा करें। विद्यार्थियों को राजस्थान पत्रिका लगातार पढ़ते रहने को प्रेरित कर रहे हैं।
तीन तरह से हमला साइबर क्राइम तीन तरीके से हो रहा है। पहला-व्यक्तिगत रूप से नुकसान। दूसरा-आर्थिक नुकसान तथा तीसरी- सरकारी डाटा गायब हो रहा है। बचाव का तरीका अनजान लिंक नहीं खोलें। ओटीपी शेयर ना करें। घटना की तुरंत पुलिस को सूचना दें। जरूरत पर ही मोबाइल का इस्तेमाल करें, कम चलाए इसके लिए स्कूलों में भी जानकारी दे रहे है।
पासवर्ड रखें मजबूत साइबर जालसाज आपके कमजोर पासवर्ड का लाभ उठा रहे हैं। ठगी से बचने के लिए पासवर्ड मजबूत रखें। जन्मदिन, गाड़ी नंबर और मोबाइल नंबर आदि पर पासवर्ड का उपयोग बहुत यूजर करते हैं। साइबर एक्सपर्ट और दूसरी संस्थाएं इन्हें सबसे कमजोर मानती हैं। लिहाजा ऐसे आसान पासवर्ड तुरंत बदल लें। पासवर्ड जितना लंबा और जटिल होता है, उसे क्रैक करना उतना ही मुश्किल है। अपरकेस और लोअरकेस अक्षरों और विशेष वर्णों का उपयोग करें।
ऑनलाइन शॉपिंग से हो रही धोखाधड़ी ऑनलाइन शॉपिंग की तरफ झुकाव बढ़ रहा है। ऑनलाइन शॉपिंग के चक्कर में कई बार ठगी का शिकार भी हो जाते हैं। ऑनलाइन शॉपिंग करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। जालसाज ठगने के लिए कई फेक एप-वेबसाइट तैयार करते हैं जो दिखती एकदम असली जैसी है।
इन्होंने रखे सुझाव चर्चा के दौरान राजेन्द्र मार्ग विद्यालय के प्रधानाचार्य श्यामलाल खटीक, उप प्रधानाचार्य राजेश कुमार शर्मा, दिनेश शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, छोटूलाल सुथार, नेमीचंद जैन, विक्रम कुमार चौधरी, स्वाति गर्ग, अर्चना जोशी, रेखा शर्मा, धनश्याम शर्मा, ज्योति खटीक तथा रामेश्वर लाल वर्मा ने सुझाव दिए।