भोर होते ही हाथों में टिफिन लेकर मकान निर्माण में लगे श्रमिक वहां पहुंचते है। सुबह आठ बजे तक स्थिति यह हो जाती है। चौराहे पर किसी मेला जैसे माहौल से कम नहीं होता। रोजी-रोटी की तलाश में पहुंचते श्रमिकों को भीड़ के कारण यातायात व्यवस्था डगमगा जाती है। पुरुष ही नहीं महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंचती है। सड़क पर बैठे रहने से आवागमन बाधित होता है। इसके अलावा चौराहे पर अवैध रूप से लगी केबिनों की भरमार है।
बड़ला चौराहा कई कॉलोनियों का समागम है। शास्त्रीनगर, जमना विहार, हरणी महादेव रोड, हनुमान कॉलोनी, भवानीनगर, मोहम्मदी कॉलोनी, भोपालपुरा, वैभवनगर, पंचवटी, मेन सेक्टर, कांवाखेड़ा, तेजाजी चौक, तिलकनगर, हलेड़ रोड समेत कई कॉलोनियों में जाने के लिए यहां से होकर गुजरते है।
चौराहे पर यातायात का दबाव अधिक होने के बावजूद सर्किल नहीं बना है। न ही यातायात पुलिस की तैनाती होती है। रेत से भरे टै्रक्टर, पानी के टैंकर भी यहीं खड़े होते है। इससे भी भारी परेशानी खड़ी हो रही है। लोग व्यवस्था में सुधार के लिए कई बार मांग कर चुके है। लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा।