पंडित अशोक व्यास ने बताया कि 29 मार्च को शनि अपनी स्व राशि छोड़कर गुरु की मीन राशि में जाने से कुछ राशि के जातकों को शनि की ढैया व साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी। कुछ जातकों की राशि में यह प्रवेश करेंगे। व्यास के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करेगा। वक्री (उल्टी) चाल चल रहा मंगल ग्रह 21 जनवरी को कर्क राशि को छोड़कर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। तीन दिन बाद 24 जनवरी बुध ग्रह धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में आएगा। 27 जनवरी को शुक्र ग्रह कुंभ राशि को छोड़कर मीन राशि में आएगा।
ज्योतिष में गुरु का विशेष स्थान व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में गुरु को विशेष स्थान प्राप्त है। उन्हें भाग्य, ज्ञान, संतान, विवाह, धन, शिक्षा और कॅरियर का कारक माना गया है। 15 मई को गुरु के मिथुन राशि में जाने पर मेष, वृषभ, सिंह, कुंभ राशि के जातकों के भाग्य में वृद्धि के आसार हैं।
धर्म व संस्कृति के प्रति झुकाव बढ़ेगा बुध, मंगल व शुक्र ग्रह के राशि परिवर्तन से सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव के संकेत हैं। लंबित अदालती मामले तेजी से सुलझेंगे। धर्म व अध्यात्म के क्षेत्रों में विवादों के बीच उन्नति होगी। लोगों का धर्म व संस्कृति के प्रति झुकाव बढ़ेगा।