इस चौराहा से प्राईवेट बस स्टेंड, रोडवेज बस स्टैंड, कृषि उपज मंडी, नेहरू रोड, हरिसेवा धाम रोड तथा टेक्सी स्टेंड के साथ-साथ करीब दो दर्जन छोटे-बड़े हॉस्पीटल, शादी समारोह स्थल, होटलें और कई सरकारी दफ्तर जुड़े हुए है। शहर से उदयपुर , कोटा , चित्तौड़, अजमेर व जयपुर की तरफ जाने वाली रोडवेज व प्राईवेट बसें भी इसी चौराहा से होकर गुजरती है। वहीं महात्मा गांधी जिला अस्पताल को जाने वाली जिले की अधिकतर एंबुलेंस भी इसी आपातकालीन रास्ते के चौराहा से होकर गुजरती है। कभी-कभी चौराहा पर यातायात व्यवस्था चरमरा जाने से कुछ देर के लिए एंबुलेंस तक का रास्ता अवरूद्ध हो जाता है।
गोवंश का जमावड़ा
पुलिस प्रशासन के साथ-साथ नगर परिषद भी लापरवाही बरतने के मामले में पीछे नहीं है। आवरा पशु चौराहे पर दिन भर डेरा डाले रहते है। इनमें कई सड़क पर घूमते रहते है , इनके चपेट में आने से वाहन चालक घायल हो जाते है। वही यातायात व्यवस्था भी बाधित होती है।
रोडवेज बस स्टेंड चौराहा के आसपास करीबन 8 से 10 निजी स्कूलें संचालित है इन स्कूलों में पढऩे वाले अधिकतर बच्चे 3 से 10 वर्ष के है। इस मार्ग पर सुबह सात बजे से ही वाहनों की आवाजाही होने से हर समय इन स्कूलों के बाहर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। इस समस्या को लेकर लोगों ने कई बार प्रशासन को अवगत भी कराया, मगर पुलिस प्रशासन ने इस ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया। वही बस स्टैंड चौराहा पर हाथ ठेलों का अतिक्रमण भी हादसों को न्योता दे रहा है।