लाभार्थियों को दिया प्रशिक्षण केन्द्र सरकार इस योजना को किसानों तक लाने के लिए कई लोगों को पीएमएफएमई योजना के क्षमता निर्माण घटक के तहत, लाभार्थियों, प्रशिक्षकों (प्रमुख प्रशिक्षकों, जिला स्तरीय प्रशिक्षकों) और जिला स्तर पर संसाधन वाले व्यक्तियों (डीआरपी) को प्रशिक्षण दिया है। इस योजना में अब तक देश में व्यक्तियों एवं उद्यमों सहित 63,099 लाभार्थियों, 526 प्रमुख प्रशिक्षकों, 1058 जिला स्तरीय प्रशिक्षकों और 1953 जिला स्तर पर संसाधन वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें राजस्थान में क्षमता निर्माण कार्यक्रम में 19 मुख्य प्रशिक्षक, 39 जिला स्तरीय प्रशिक्षक, 54 जिला संसाधन व्यक्ति तथा 115 लाभार्थियों की संख्या शामिल है।
क्या है इन्वयूवेशन सेन्टर योजना कृषि उपज मंडी समिति में 2.74 करोड़ की लागत से सीआईसी का निर्माण कराया जाएगा। निर्माण पूरा होने पर किसान और बेरोजगार युवक यहां अपने मैटेरियल लाकर मामूली शुल्क पर उत्पाद तैयार कर उसे अपने ब्रांड का नाम देकर बाजारों में उतार कर अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे। सीआईसी में प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी। सीआईसी की प्रतिदिन 10 क्विंटल उत्पादन क्षमता होगी। सेंटर में पहली लाइन मक्का दाना प्रोसेसिंग, दूसरी लाइन में आंवला प्रोसेसिंग यूनिट तथा फूड टेस्टिंग लैब बनेगी। मंडी सचिव महिपाल सिंह का कहना है कि सीआईसी जिले में बेरोजगारी दूर करने में मददगार साबित होगा। सेंटर में मामूली शुल्क पर विभिन्न उत्पाद तैयार करवाकर किसान और बेरोजगार अपना ब्रांड खुद बाजार में उतारकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
सरकार को प्रोत्साहन देना चाहिए मंडी व्यापारी शिव कुमार गगरानी व जमनालाल कचौलिया का कहना है कि सरकार को कृषि आधारित उद्योगों को पनपाने को प्रोत्साहन देना चाहिए। जिले में मक्का सर्वाधिक उत्पादन वाली फसल है। प्रोसेसिंग प्लांट विकसित करने को सरकार को इन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए।
प्रदेश में यहां खुलेंगे कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर - 2.74 करोड़ से कृषि उपज मण्डी भीलवाड़ा
- 3.45 करोड़ से कृषि उपज मण्डी उदयपुर
- 2.62 करोड़ से केवीके दांता बाड़मेर
- 2.41 करोड़ से केयूएमएस जयपुर
- 3.26 करोड़ से केयूएमएस अलवर
- 2.58 करोड़ से केयूएमएस टोंक
- 3.055 करोड़ से केयूएमएस जोधपुर
- 3.004 करोड़ से केवीके कोटा एयू
- 23.119 करोड़ कुल योग