रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने नाबालिग के अपहरण का मामला दर्ज कर तलाश शुरू की। पुलिस ने महाराष्ट्र के औरगांबाद में दबिश दी। यहां एक मकान से नाबालिग को छुड़ाया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी सुरेश उसे पिता के बीमार होने का बहाना बना भीलवाड़ा ले गया। फिर चाय में नशीली दवा पिलाकर बेहोश कर दिया और महाराष्ट्र ले आया। यहां दोस्त के कमरे में बंधक बनाकर रखा और बलात्कार किया।
पुलिस ने अभियुक्त सुरेश को गिरफ्तार कर अनुसंधान किया। विशिष्ट न्यायालय में चालान पेश किया। विशिष्ट लोक अभियोजक धर्मवीर सिंह कानावत ने अभियुक्त के खिलाफ आरोप साबित करने के लिए 29 दस्तावेज व 23 गवाहों के बयान कराए। विशिष्ट न्यायाधीश देवेन्द्र सिंह नागर ने सुरेश खारोल को पोक्सो की विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया। कुल 20 वर्ष सक्षम कारावास तथा 95 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया।