शहर में अभियान पर लगा हड़ताल का ग्रहण
शहर में इस अभियान पर हड़ताल का ग्रहण लगा है। यहां महज 51 फीसदी तक डीईसी पहुंच सकी है। 49 फीसदी लोगों के पास डीईसी ही नहीं पहुंची है। ऐसे में फाइलेरिया मुक्त अभियान को अंजाम तक पहुंचाना आसान नहीं है। नगर निगम आयुक्त और दुर्ग, भिलाई, भिलाई-चरोदा और स्वास्थ्य विभाग के के शहरी प्रबंधक पर बड़ी जिम्मेदारी है।
अब अभियान की तारीख बढ़ाने की तैयारी
डीईसी बांटने के लिए तय किए गए समय पर शहर में इसे घर-घर तक नहीं पहुंचाया जा सका है। तब विभाग इसमें कुछ और दिन बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। जिससे हर व्यक्ति तक डीईसी पहुंच जाए।
ग्रामीण में इस वजह से मिली सफलता
ग्रामीण में मितानिनों तक 22 अगस्त 2022 से पहले डीईसी पहुंच चुकी थी। इसके बाद 22 से 28 अगस्त के मध्य वे गांव और स्कूल तक पहुंचकर डीईसी को लोगों के हाथों तक पहुंचाया है। वहीं शहर में हड़ताल का असर पड़ा है। गांव में जहां 75 फीसदी तक डीईसी पहुंच चुकी है। शहर 51 फीसदी में अटक गया है। यहां का प्रबंधन कमजोर रहा है।
अब तक 68 फीसदी तक पहुंच चुकी है डीईसी
डॉक्टर जेपी मेश्राम, चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर, दुर्ग ने बताया कि जिला में 68 फीसदी तक डीईसी पहुंच की है। अभियान 22 से 28 अगस्त तक था अब कुछ दिन और बढ़ा रहे हैं।