नेहरु नगर और सिरसा गेट चौक पर सिग्नल लगाए गए है। सिग्नल में टाइमिंग के मुताबिक चौक पर ट्रैफिक गुजरती है। बताया जा रहा है कि बालोद और दल्लीराजहरा के वाहन रायपुर से रात करीब 9 बजे छुटते हैं। रात 9.30 बजे सिरसा गेट पर पहुंचते है। किसी तरह सिरसा गेट जाम से निकलते हैं तो रात 10 बजे नेहरु नगर चौक पर आकर लम्बी कतार में फंस जाते हैं। इस तरह रात 9.30 बजे से 11.30 बजे तक दोनों चौक पर ट्रैफिक की बाढ़ सी आ जाती है।
एंबुलेंस और दो पहिया चालक ज्यादा परेशान
दोनों चौक में सबसे अधिक परेशानी एंबुलेंस चालकों को होती है। इमरजेंसी में भी कहीं से निकलने की उनको जगह नहीं मिलती है। इसी तरह बाइक सवार जाम में फंसते है। उन्हें काफी इंतजार करने पड़ता है। हड़बड़ी में दुर्घटना की आशंका रहती है।
एटीपीएस से समाधान
रायपुर स्मार्ट सिटी होने की वजह से वहां पर आटोमेटिक ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीपीएस) चौक पर लगाया गया है। यह सिस्टम कैमरे से ट्रैफिक पढ़ता है और ट्रैफिक के मुताबिक समय ड्यूरेशन को बदल कर सिग्गनल को ऑपरेट करता है। मान लीजिए कि मिनिम टाइम 55 सेंकड है, लेकिन ट्रैफिक खाली है तो इस स्थिति में कैमरा दूसरे लेन के सिग्मल को शुरू कर देता है। इसलिए चौक पर कभी भी जाम की स्थिति नहीं निर्मित होती है।
सिग्नल टाइमिंग सेटिंग में खामी
जानकारी के अनुसार रायपुर से दुर्ग की ओर जाने वाली गाड़ियां नेहरु नगर चौक पहुंचती है। सिग्नल पर उन्हें रुकना होता है। जैसे ही तीन से चार गाड़ी निकली फिर सिग्नल रेड हो जाता है। इसी तरह दुर्ग से रायपुर जाने वालों के साथ है। जबकि नेहरु नगर से चौक पार कर सेक्टर एरिया की तरफ जाने वालों को सिग्मल समय ज्यादा दिया गया है। यदि जिस ओर से ट्रैफिक अवरुद्ध हो रहा है, उस तरफ की सिग्नल की टाइमिंग को थोड़ा सेटिंग कर बढ़ाया जाए तो गाड़ियां आसानी से निकलेगी और जाम से थोड़ी राहत मिलेगी।