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साइंस कॉलेज के विद्यार्थी अब बाहर की कंपनियों में कर सकेंगे इंटर्नशिप

CG Education : बीटेक और अन्य तकनीकी कोर्स की तर्ज पर अब दुर्ग साइंस कॉलेज के विद्यार्थी भी इंटर्नशिप करेंगे।

भिलाईOct 15, 2023 / 01:09 pm

Kanakdurga jha

साइंस कॉलेज के विद्यार्थी अब बाहर की कंपनियों में कर सकेंगे इंटर्नशिप

साइंस कॉलेज के विद्यार्थी अब बाहर की कंपनियों में कर सकेंगे इंटर्नशिप

भिलाई। CG Education : बीटेक और अन्य तकनीकी कोर्स की तर्ज पर अब दुर्ग साइंस कॉलेज के विद्यार्थी भी इंटर्नशिप करेंगे। तीन साल की यूजी को पूरा करने से पहले उन्हें अपनी इंटर्नशिप पूरी करनी होगी। इस संबंध में ऑटोनोमस कॉलेजों के लिए नया मसौदा तैयार हुआ है।
इसमें ग्रेजुएशन के विद्यार्थियों को भी कंपनी, एनजीओ सहित कई क्षेत्रों का प्रैक्टिकल अनुभव दिलाने के लिए कोशिश की गई है। इसमें साइंस कॉलेज के विद्यार्थियों को स्किल डेवलपमेंट और आंत्रप्रेन्योरशिप से जुड़ने का भी मौका मिलेगा। हाल ही में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने एक मसौदा तैयार किया है, जिसमें सामान्य डिग्री कॉलेज (ऑटोनोमस) के विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप को अनिवार्य किया गया है।
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दुर्ग साइंस कॉलेज एक स्वशासी संस्थान है, जिसमें न्यू शिक्षा नीति के तहत स्नातक संकायों की पढ़ाई कराई जा रही है। एनईपी के ही तहत साइंस कॉलेज में तीन सालाना यूजी डिग्री प्रोग्राम और चार वर्षीय रिसर्च ऑनर्स प्रोग्राम के विद्यार्थियों को इसमें जोड़ा जाएगा। इस इंटर्नशिप में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को क्रेडिट अंक मिलेंगे। इंटर्नशिप का जिक्र उनकी मार्कशीट में भी रहेगा।
साइंस के छात्र पढ़ रहे हिस्ट्री

नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों के पास एंट्री और एग्जीट का खुला विकल्प होता है। यानी छात्र जब चाहें कॉलेज आ सकता और जब चाहें छोड़कर जा सकता है। हालांकि एंट्री और एग्जीट तभी संभव होती है जब राज्य के सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज इससे जुड़े हों। इसके लिए सभी ऑटोनोमस कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को डिजी लॉकर और एबीसी बैंक में पंजीयन कराने को कहा गया है। इन दिनों ऑटोनोमस साइंस कॉलेज में नई शिक्षा नीति के तहत बीएससी के विद्यार्थी च्वॉइस सिस्टम की वजह से अपनी रुचि अनुसार इतिहास विषय पढ़ रहे हैं। वहीं बीकॉम का छात्र कंप्यूटर साइंस की कोडिंग सीख रहा है।
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छात्रों को होगा बड़ा फायदा

अभी तक पीजी करने के लिए तीन साल का यूजी करना अनिवार्य है, लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत यूजी करने वाले विद्यार्थियों को सिर्फ एक साल का स्नातकोत्तर यानी पीजी करना होगा। इससे वे पीएचडी भी कर सकेंगे। पीजी सिर्फ एक साल का होगा, जिसकी वजह से एक साल पूरी तरह से बचेगा।
एनईपी के तहत विद्यार्थियों को बाहरी नॉलेज दिलाने इंटर्नशिप को कॉलेज में जरूरी किया गया है। उन्हें आंत्रप्रेन्योर और स्किल बनाने के लिए ऑटोनोमस बॉडी ने अपने स्तर पर कोर्स डिजाइन किए हैं।

– डॉ. अनिल श्रीवास्तवप्रोफेसर, साइंस कॉलेज

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