PM Awas Yojana 2.0 आते ही 4,000 से अधिक से हितग्राहियों के आवेदन निरस्त, जानें क्या है नया नियम
PM Awas Yojana 2.0: पीएम आवास योजना 2.0 के तहत अब योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को दिया जा रहा है। ऐसे में कई लोग ऐसे हैं जिन्हों नियमों की जानकारी नहीं है…
PM Awas Yojana 2.0: दुर्ग जिले के अलग-अलग निकायों में पीएम आवास योजना के तहत आवास बनाने के लिए राशि पाने के लिए पिछले करीब 1 साल से जिन्होंने आवेदन किया था। अब तक उनको पहली किश्त भी नहीं मिली है। ऐसे जिला के चार निकायों में करीब 4,000 से अधिक हितग्राहियों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। उनको नए सिरे से पीएम आवास योजना 2.0 के तहत ऑन लाइन आवेदन करना होगा।
पीएम आवास योजना 2.0 में जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया है। अब इसके लिए तहसील दतर का चक्कर लगाना पड़ रहा है। इसके अलावा आय प्रमाण पत्र भी अनिवार्य कर दिया गया है। आवेदक पहले इसे पार्षदों से बनवा लेते थे। अब तहसील कार्यालय से बनाना अनिवार्य कर दिया गया है।
पीएम आवास योजना 2.0 का मुख्य लक्ष्य सभी नागरिकों को एक पक्के घर की सुविधा देना है। इस योजना का नया संस्करण का उद्देश्य शहरी क्षेत्र में आवास की कमी को दूर करना है। प्रधानमंत्री आवास योजना के दूसरे संस्करण की शुरुआत करते हुए केंद्र सरकार ने लाभार्थियों को ब्याज सब्सिडी प्रदान करने के लिए कर्ज देने वाले 147 संस्थाओं और बैंक के साथ समझौता किया है।
खुद भी कर सकते हैं आवेदन
पीएम आवास योजना 2.0 के तहत आवास बनवाने के लिए अब 2.50 लाख रुपए दिया जाएगा। इसके लिए जानकार खुद भी ऑन लाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ-साथ निकायों में जाकर भी ऑन लाइन आवेदन करने की सुविधा है। वहां इस कार्य के लिए कर्मियों को तैनात किया गया है। निकाय के अधिकारियों का कहना है कि पुराने आवेदन निरस्त हो चुके हैं। नया आवेदन करना होगा। शासन के आदेश अनुसार काम किया जा रहा है।
माता-पिता के नाम जमीन हो तो नहीं मिलेगा लाभ
अब तक मकान बनाने के लिए माता-पिता के नाम की जमीन पर भी बच्चे आवेदन कर पीएम आवास योजना का लाभ उठा रहे थे। अब नियम में बदलाव कर दिया गया है। माता-पिता जो दुनिया से गुजर चुके हैं, उनके नाम की जमीन पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा। पहले बच्चों को जमीन को खुद के नाम पर चढ़ाना होगा, इसके बाद ही वे पीएम आवास योजना 2.0 के लिए आवेदन कर पाएंगे। अब तक उनको पहली किश्त भी नहीं मिली है।
साल भर से लगा रहे चक्कर
भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र, निवासी राकेश ने बताया कि नगर निगम, भिलाई-चरोदा में आवेदन जमा किए। निगम से विधानसभा चुनाव से पहले सर्वे करने पहुंचे। सर्वे के बाद अब तक निजी जमीन में मकान बनाने पहली किश्त तक नहीं मिली है।
एक साल से कर रहा हूं इंतजार
भिलाई निगम निवासी दिनेश ने बताया कि भिलाई निगम क्षेत्र में अपनी जमीन पर मकान बनाने के लिए एक साल पहले आवेदन किया था। विधानसभा चुनाव से पहले सर्वे करने भी आए। अब पुन: आवेदन करने कहा जा रहा है।
यह दस्तावेज जरूरी
– परिवार के सभी सदस्यों का आधार की छायाप्रति। – बीपीएल कार्ड। – बैंक पासबुक, प्रथम पे, खाताधारक, आईएसएफसी, बैंक विवरण के लिए। – शासन के अन्य योजनाओं के लाभ संबंधित दस्तावेज, लाभार्थी कोड, आयुष्मान कार्ड, महिला बचत समूह से प्राप्त ऋण, स्वनिधि योजना, उज्जवला गैस कार्ड संया, विश्वकर्मा योजना का लाभ, सोलार, सूर्य घर योजना, अमृत, नलजल, भागीरथी योजना, जो लागू हो।
– लाभार्थियों को निधारित कट-ऑफ 31 अगस्त 24 के पूर्व निकाय क्षेत्र में निवासरत होने का कोई साक्ष्य, जैसे भूमि का पट्टा, विद्युत देयक रसीद, संपत्तिकर रसीद, समेकित कर रसीद, राशन कार्ड, मतदाता सूची, किरायानामा, निवास प्रमाण पत्र, अन्य शासकीय दस्तावेज साल 2011 की जनगणना सूची में नाम पेश करना होगा।
– बीएलसी घटक के तहत लाभ प्रदान किए जाने के लिए भूमि स्वामित्व दस्तावेज संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा। – सक्षम राजस्व अधिकारी से जारी आय प्रमाण पत्र। – सक्षम अधिकारी से जारी जाति प्रमाण पत्र।
– टैक्स रसीद की छायाप्रति। – पक्का मकान न होने का नोटराइज्ड शपथ पत्र
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