मुख्यमंत्री की मंशा पर एजेंट पानी फेरने की तैयारी में
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है कि छोटी-छोटी जमीन पर जिन्होंने परिवार के लिए जितनी जमीन है, उस पर निर्माण कर लिया है। उनके निर्माण को नियमित कर दिया जाए। उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिया है कि उन पर किसी तरह का आर्थिक बोझ भी न पड़े। इसके विपरीत बीच में एजेंट सक्रीय हो गए हैं। वे आवेदकों से आवेदन लेकर एकत्र कर रहे हैं, काम करवाने के एवज में वे रकम भी तय करते जा रहे हैं।
आवेदक से मांग रहे यह दस्तावेज
नियमितीकरण के लिए आवेदकों से जिन दस्तावेजों की मांग की जा रही है। उसमें नगर पालिक निगम, भिलाई-चरोदा के अधिकृत आर्किटेक्ट से वर्तमान में निर्मित भवन का ले-आउट की 5 प्रतियां। इसके साथ-साथ प्लाट का खसरा नंबर, नक्शा, बिजली बिल, संपत्तिकर, भवन अनुज्ञा, भवन के चारों ओर का फोटोग्राफ व भवन का स्थल मानचित्र मांगा जा रहा है।
आवासीय में दर शासन ने कर रखी है तय
आवासीय भवनों में शास्ति अधिरोपन अनधिकृत विकास के भू-खण्ड के क्षेत्रफल के आधार पर किया जाएगा। जिसकी दर निम्न है :-
आवासीय
प्लाट एरिया — दर प्रति स्क्वायर मीटर,
0 से 120 स्क्वायर मीटर — 0
120 से 240 स्क्वायर मीटर — 125
240 से 360 स्क्वायर मीटर — 200
360 स्क्वायर मीटर व अधिक — 300