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इंटरव्यू लेने की प्रक्रिया शुरू की गई। प्रदेश में पहले कुलपति चयन उनके आवेदनों के आधार पर किए जाते थे। अब कुलपति चयन का तरीका बदल गया है। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा भी इंटरव्यू के जरिए ही इस पद तक पहुंची थी। उस समय की कुलाधिपति रहीं अनुसुईया उइके ने उनका साक्षात्कार लिया था।
जल्द मिल सकता है नया कुलपति
हेमचंद यादव
विश्वविद्यालय को 15 जनवरी तक नया कुलपति मिलने की संभावना है। राजभवन से नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया तेजी से जारी है। विवि का कुलपति बनने के लिए देशभर के प्रोफेसरों के साथ पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय और बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने भी आवेदन किए हैं।
हेमचंद विश्वविद्यालय कुलसचिव भूपेंद्र कुलदीप ने कहा नए कुलपति की प्रक्रिया तेज हो गई है। राजभवन स्तर पर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इस महीने नया कुलपति विश्वविद्यालय को मिल सकता है।
संभागायुक्त संभाल रहे कुलपति का दायित्व
कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रभार दुर्ग संभागायुक्त एसएन राठौर को दिया गया है। विश्वविद्यालय के अधिनियम के तहत वे स्थाई कुलपति की नियुक्ति या फिर अधिकतम 6 महीने के लिए इस प्रभार में रहेंगे। संभागायुक्त के पास खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति का प्रभार भी है। इस विवि में कुलपति का पद रिक्त है।
हेमचंद विवि को इस तरह मिले कुलपति
विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद साइंस कॉलेज दुर्ग के प्रोफेसर डॉ. एनपी दीक्षित को प्रथम कुलपति बने। फिर दुर्ग साइंस कॉलेज के ही वरिष्ठ प्रोफेसर और विवि के डीन डॉ. ओपी गुप्ता प्रभारी कुलपति रहे। फिर पं. रविशंकर शुक्ल विवि के प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र सराफ बने। संभागायुक्त महादेव कावरे को प्रभार दिया। फिर डॉ. अरुणा पल्टा कुलपति बनी।