फार्म में 150 गिर प्रजाति की गाय पाली गई हैं। इनके चारे के लिए 40 एकड़ में गन्ना, मक्का और नैपियर घास लगाई गई है। मैनेजर राकेश धनगर ने बताया कि 1 गिर गाय से निकले गोबर से 10 एकड़ में जैविक खेती की जा सकती है। यहां आर्गेनिक खाद, कीटनाशक बनाने के लिए यूनिट तैयार की गई है। इससे इजरायल की पद्धति से आर्गेनिक खाद 500 एकड़ तक फैले खेत में पहुंचाया जाता है।
फॉर्म में पानी की सतत सप्लाई रहे, इसके लिए लगभग 10 एकड़ में 2 तालाब बनाया गया है। इसके लिए शासन की ओर से 24 लाख रुपए की सब्सिडी मिली। यह वाटर हार्वेस्टिंग का भी शानदार मॉडल साबित हुआ और नजदीक के 10 गांवों में इससे जलस्तर काफी बढ़ गया। इसके पास की अधिकतर भाठा जमीन है।
यहां ड्रैगन फू्रट और स्वीट लेमन जैसे एन्टी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फलों के ढेरों पेड़ हैं। सीजन में हर दिन लगभग 8 टन उत्पादन होता है जो दिल्ली, हैदराबाद जैसे शहरों में जाता है। इनके 35 एकड़ जमीन में थाई प्रजाति के अमरूद लगे हैं इसकी विशेषता यह है कि इसमें शुगर कम है और काफी दिनों तक टिक जाता है।
राकेश ने बताया कि हमारे 5 वेंडर मुम्बई के सीएसटी में हैं जिनसे तुरंत माल खप जाता है। सीजन में हर दिन 10 टन अमरूद का उत्पादन होता है और पूरे सीजन में लगभग 500 टन। खजूर के लगभग 500 पेड़ हैं जिनसे सीजन में 10 टन खजूर उत्पादित होता है। इस साल यहां 60 एकड़ में 550 टन एप्पल बेर का उत्पादन किया जा रहा है।