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कांग्रेस के दुर्ग को ढहाकर भाजपा का किला बनाने वाले हेमचंद यादव नहीं रहे, पढि़ए पूरी खबर

कांग्रेस के अभेद्य दुर्ग में भाजपा का परचम लहराने वाले पूर्व मंत्री व पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमचंद यादव के निधन की सूचना से सब स्तब्ध रह गए।

भिलाईApr 11, 2018 / 10:01 pm

Satya Narayan Shukla

Hamchand yadav
दुर्ग . कांग्रेस के अभेद्य दुर्ग में भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराने वाले पूर्व मंत्री एवं पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमचंद यादव के निधन की सूचना से सब स्तब्ध रह गए। उनके समर्थकों में शोक की लहर फैल गई। मंगलवार व बुधवार की दरम्यानी रात एक बजे उसने एम्स दिल्ली में अंतिम सांस ली। देर शाम उनका पार्थिव शरीर नियमित विमान से रायपुर माना लाया गया। जहां से पैतृक शहर दुर्ग लाया गया। जहां मॉरच्यूरी में रखा गया। पार्थिव शरीर को गुरुवार को सुबह आठ बजे उनके निवास बैगापारा ले जाया जाएगा।
पार्थिव देह को जिला भाजपा कार्यालय में रखा जाएगा

यहां स्थित पैतृक आवास में अंतिम दर्शन के बाद पार्थिव देह को जिला भाजपा कार्यालय में रखा जाएगा। जहां प्रदेश भर से आए लोग पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद मुक्तिधाम के लिए अंतिम यात्रा शुरू होगी। उनका अंतिम संस्कार हरनाबांधा मुक्तिधाम में गुरुवार १२ अप्रैल को दोपहर १२ बजे किया जाएगा। वे अपने पीछे पत्नी लीला, माता राजिम बाई, पुत्र राजदीप यादव, जीत यादव व पुत्री प्रतिभा और रूची सहित भरा पूरा परिवार छोड़़ गए हैं।
मुबंई के बाद दिल्ली में चला रहा था इलाज
हेमचंद यादव का इलाज एक वर्ष से चल रहा था। उन्हें माइसथेनिया ग्रेवीस नामक बीमारी थी। इस बीमारी में मांस पेशियां निष्क्रिय हो जाती है। सबसे पहले उन्हें उपचार के लिए अपोलो बीएसआर जुनवानी में भर्ती कराया गया। फिर रामकृष्ण केयर अस्पताल रायपुर भी इलाज चला। कुछ दिनों पहले बुखार कम नहीं होने पर लीलावती अस्पताल मुंबई ले जाया गया था। हालत नाजुक होने पर दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान मंगलवार की रात १ बजे उनका निधन हो गया। निधन के समय उनके राजनैतिक सलाहकार व साथी केबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय दिल्ली में ही थे।
Hamchand yadav
हेमचंद यादव का राजनीतिक सफरनामा

0-पारिवारिक पृष्ठभूमि जनसंघ का होने के कारण उन्होंने भारतीय जनता पार्टा की प्राथमिक सदस्यता ली और 1987 में बैगापारा वार्ड के अध्यक्ष बने।
0-उनकी सक्रियता को देखते हुए पार्टी ने 1991 में युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाया।
0-1992 में भाजपा संगठन ने भाजपा मंडल अध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा। उन्होंने शहर के प्रत्येक वार्ड में इकाईयों का गठन किया।
0-1993 में भाजपा ने विधानसभा का प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में उन्हें हार का सामना पड़ा।
0-1996 में वे दुर्ग जिला भाजपा अध्यक्ष बने।
0-1998 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें दो बारा मौका दिया। वे कांग्रेस के गढ़ को ढहाने वाले नेता बने।
0-2003 के विधान सभा चुनाव में हेमचंद यादव ने दोबारा जीत दर्ज की। रमन सरकार में केबिनेट मंत्री बने। उन्हे जलसंसाधन, आयाकट, खाद्य, श्रम, खेल एवं युवा कल्याण विभाग विभाग की जिम्मेदारी संभाली।
– २००८ विधान सभा चुनाव में हेमचंद यादव ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की। प्रदेश में फिर केबिनेट मंत्री बने।
-२०१३ विधान सभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वे संगठन को मजूबत करने में जुट गए। उन्हें प्रदेश भाजपा का उपाध्यक्ष बनाया गया था।
किए गए कार्य
० हेमचंद यादव का मंत्री कार्यकाल किसानों के लिए समर्पित था। जलसंसाधन विभाग के जरिए छत्तीसगढ़ में सिंचाई पानी का रकबा बढ़ाया। कई एनिकट की सौगात दी।
०-भिलाई नगर निगम क्षेत्र में पेयजल की गंभीर समस्या को दूर करने में वर्षों से धूल खा रही योजनाओं को साकार करके पूर्ण कराया।
० उनके कार्यकाल में रायपुर नाका पर वायशेप का रेलवे ओवर ब्रिज बना। वाणिाज्यिक कर भवन, आरटीओ कार्यालय, जिला कार्यालय परिसर में नवीन भू-अभिलेख शाखा भवन, कृषि उपज मंडी का कायाकल्प, तहसील कार्यालय का जीर्णाोद्धार कराया।
०-जिला चिकित्सालय में सौ बिस्तरों का अतिरिक्त भवन निर्माण व नए उपकरण उपलब्ध कराया।
० दुर्ग-भिलाईवासियों को पेयजल संकट से मुक्ति दिलाने के लिए वाटर लेबल की क्षमता बढ़ाने, महमरा बांध के ऊपर 50 वर्षों से पानी के अंदर जमे शिल्ट की सफाई करवाई।
Hamchand yadav
पिता ने कहा था बेटा नाम कमाएगा
हेमचंद यादव का जन्म एक दिसंबर 1958 को हुआ था। उनके पिता स्व. रामलाल यादव ने अपनी पत्नी राजिम बाई से कहा था कि हेमू बड़ा होकर बड़े-बड़ो की संगति करेगा। उन्हें किसी ज्योतिषी ने बताया था। छात्र जीवन में उनका लगाव कबड्डी खेल में ज्यादा था।
स्वयं को कभी वीआईपी नहीं माना
मंत्री बनने के बाद भी हेमचंद ने खुद को कभी वीआईपी नहीं माना। रोज की तरह बिलकुल सामान्य ढंग से अपने साथी व शहर के नागरिकों से मिलते थे। आमतौर पर वे ठेठ छत्तीसगढ़ी में ही बात करते थे। जब वे सभा को संबोधित करते थे वे छत्तीसगढ़ी में ही भाषण देते थे। मंत्री होने के बाद भी वे शहर के चौक चौराहों पर खड़े होकर चाय की चुस्की के साथ बातचीत जरूर करते थे। नवरात्रि पर्व में वे अपने साथियों के साथ चंडी मंदिर व शीतला मंदिर में ढोलक की थाप पर देवी जस गीत गाते थे। आठ भाई-बहनों के संयुक्त परिवार में एकजुटता के हिमायती हेमचंद यादव समाज व संगठन की एकजुटता के पक्षधर थे। तिलक स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद पूर्व माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षा महात्मा गांधी स्कूल से प्राप्त की। बाद में सुराना महाविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि ली।
मील का पत्थर साबित हुआ

मंत्री हेमचंद यादव ने अविभाजित दुर्ग जिल में पैरी, कोनारी, भरदा, नगपुरा, उरला, भटगांव में एनिकट बनवाया। इससे से जलस्तर में वृद्धि हुई। सिंचाई के साधनों के साथ निस्तार पानी की उपलब्धता व आवागमन के साधनों में इजाफा हुआ। यह कार्यमील का पत्थर साबित हुआ।

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