सीबीएसई नोडल ने बताया कि बोर्ड 12वीं का रिजल्ट तैयार करने 10वीं और 11वीं को आधार मानेगा। यानी यदि विद्यार्थी का परफॉर्मेंस 10वीं और 11वीं में खराब रहा तो इसका सीधा असर 12वीं के नतीजे पर पड़ेगा। मसलन, 11वीं में विद्यार्थियों को एवरेज अंक मिले या पूरक आए होंगे तो उनको बोर्ड की ओर से अनुत्तीर्ण भी किया जा सकता है। सभी को पास करने जैसा कोई मापदंड नहीं है। हालांकि कुछ विद्यार्थी ऐसे भी हैं जो अपनी पढ़ाई का पूरा फोकस 12वीं पर करना चाहते थे, इसके चलते 11वीं में मेहनत नहीं की। प्रदेश में ऐसे भी विद्यार्थी हैं जो प्रमोट किए जाने की गलतफहमी में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे रहे, उनको भी सीधा नुकसान होगा।
सीबीएसई ने 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए 30+30+40 के अनुपास के मूल्यांकन फॉर्मूले का विकल्प चुना है, जिसमें कक्षा 10वीं के परिणामों पर 30 फीसदी, कक्षा 11 के परिणामों पर 30 फीसदी और कक्षा 12 के इंटरनल एग्जाम के परिणाम को 40 फीसदी वेटेज दिया जाएगा। सीबीएसई कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम 31 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे। आरएस पांडेय, समन्वयक, सीबीएसई ने बताया कि 12वीं के विद्यार्थी जो ऑनलाइन कक्षा, प्री-बोर्ड या स्कूलों की परीक्षाओं में शामिल नहीं हुए उनको अनुपस्थित माना जाएगा। यह छात्र फेल माने जाएंगे। इनको दोबारा से परीक्षा देनी होगी। बोर्ड ने अभी निर्देश नहीं दिए है, लेकिन परीक्षा अगस्त में होने की संभावना है।