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Durg bus stand: बस स्टैंड बना नशेडियों का अड्डा, देर रात तक चलती है गांजा दारू की पार्टी

Durg bus stand: शहर का बस स्टैंड भारी अव्यवस्था का शिकार है। बस स्टैंड की हालत देखकर लगता है कि यहां पर नियंत्रण करने वाला कोई नहीं है। चालक कहीं पर भी आड़ी तिरछी बसों को खड़ी कर व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं।

भिलाईOct 19, 2024 / 12:28 pm

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Durg bus stand
Durg bus stand: शहर का बस स्टैंड भारी अव्यवस्था का शिकार है। बस स्टैंड की हालत देखकर लगता है कि यहां पर नियंत्रण करने वाला कोई नहीं है। चालक कहीं पर भी आड़ी तिरछी बसों को खड़ी कर व्यवस्था बिगाड़ रहे हैं। जिसके कारण यात्रियों का प्रतीक्षालय तक पहुंचना मुश्किल होता है।
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बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन को शहर का आईना कहा जाता है। क्योंकि बाहर से आने जाने वाले लोगों के पहले बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन को देखकर ही शहर की स्वच्छता और व्यवस्था का मूल्यांकन करते हैं। दुर्ग में इन दोनों ही जगह की हालत बहुत खराब है।
दुर्ग का बस स्टैंड तो अपराधियों का अड्डा बना हुआ है। रात्रि के समय यहां के प्रतीक्षालय में सभ्य व्यक्तियों को जाने में डर लगता है, क्योंकि इस समय यहां आसामाजिक तत्वों का डेरा रहता है। गांजा शराब आदि की पार्टियां चलती रहती हैं। उन्हें ना पुलिस का डर है और ना पुलिस प्रशासन को कोई फिक्र है।

पुलिस यहां नजर नहीं आती

लोगों ने बताया कि ट्रैफिक और पुलिस यहां नजर ही नहीं आती। नगर निगम प्रशासन भी इस ओर ध्यान दे रहा है। बस स्टैंड की स्वच्छता की तरफ भी किसी का ध्यान नहीं है, क्योंकि सभी बसों की पार्किंग बस स्टैंड के अंदर होती है इसलिए बसों की ढुलाई और सफाई भी बस स्टैंड के अंदर ही की जाती है।
इसलिए पूरा बस स्टैंड गीला और गंदा नजर आता है। सफाई की पर्याप्त व्यवस्था है न लाइट की। यहां एक वाटर कूलर लगा है उसका भी सिर्फ एक नल ही सुरक्षित बचा है वह भी अक्सर बंद रहता है।

सुबह पार्किंग स्थल दिखता है स्टैंड

बस स्टैंड सुबह-सुबह बसों का पार्किंग स्थल दिखता है। जिसे जहां समझ में आता है वहां बस खड़ी किया और चल दिए। कोई आड़ी खड़ी करता है तो कोई तिरछी गाड़ी लगाकर चला जाता है। जिससे आए दिन बस ड्राइवर और कंडक्टर का आपस में झगड़ा होता रहता है। यहां खड़ी बहुत सी बसें तो महीना से हिली तक नहीं है। बस खड़ी रहती हैं। कोई भी ट्रेवल्स की बस हो उनका रात्रि ठिकाना उनकी गैराज में नहीं बल्कि बस स्टैंड दुर्ग में रहता है।
हालत यह है कि पार्किंग तो बस स्टैंड के अंदर की जाती है पर बसों को बस स्टैंड के बाहर से छोड़ा जाता है। जबकि सभी बसों को बस स्टैंड के अंदर से छोड़ जाना चाहिए और बसों को उनके छूटने के आधे घंटे पहले बस स्टैंड में आकर लगना चाहिए। बाहर से बस छूटने से बस स्टैंड के अंदर स्थित दुकानदारों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।

प्रतीक्षालय की दुकानों में शटर नहीं

प्रतीक्षालय के अंदर दुकान लगाने वालों के लिए चार दुकानें तैयार की गई थी, पर बरसों से सिर्फ शटर न लगने के कारण यह दुकान लोगों के प्रसाधन का स्थान बना हुआ है। दुकानदारों ने बताया कि हाल ही में नगर निगम आयुक्त ने बस स्टैंड का दौरा कर एक माह के अंदर शटर लगाकर दुकान व्यापारियों को आवंटित करने की बात कही थी पर कुछ हुआ नहीं।
महापौर भी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं इसलिए बस स्टैंड की हालत बद्तर हो रही है। दुर्ग का बस स्टैंड से पुणे, हैदराबाद, गया, इंदौर,बनारस, कोलकाता आदि लंबी दूरी की बस भी रोजाना चलती है पर ठेकेदार द्वारा भी सिर्फ वसूली की जा रही है और व्यवस्थित बस का संचालन हो इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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