छह अगस्त को भी हो चुका है हंगामा वृद्धाश्रम के संचालक अनिल गोयल को दुष्कर्म का आरोप लगाकर जेल भिजवाने वाली महिला ने छह अगस्त को भी हंगामा किया था। जहां आरोपी पक्ष ने बच्चों व बुजुर्गों को बंधक बनाने का आरोप लगाया था तो पीडि़त महिला ने आरोप लगाया था कि बच्चे व आरोपी के परिजन ज्ञापन पर जबरन बुजुर्गों के हस्ताक्षर करा रहे थे। महिला ने यह भी आरोप लगाया था कि एक गिरोह इस प्रकरण में आरोपी को बचाने के लिए सांठगांठ कर धनराशि के लालल में साजिश कर रहा है। उस समय पीडि़त महिला के विरोध में भी पुलिस अधिकारी को एक ज्ञापन दिया गया था। जबकि महिला की ओर से संचालक पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलक्टर से शिकायत की जा चुकी है।
वाट्सअप पर चैटिंग मिली, अब लैपटॉप की जांच बाकी पुलिस अधिकारियों से बात करने पर सामने आया कि महिला के मोबाइल से संचालक व उसके बीच बातचीत की चैटिंग मिली है। अब लैपटॉप की जांच बाकी है। इसमें लैपटॉप में भी कुछ साक्ष्य होने का दावा किया गया है। बताते हैं कि लैपटॉप की भी जांच कर ली गई है। हालांकि अभी पुलिस भी इस प्रकरण में कुछ भी बोलने से कतरा रही है।
कम से कम सच तो जनता के सामने आए… जिस आश्रम में अव्यवस्थाओं को लेकर करीब दो महीने पहले सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ। मीडिया को महिलाओं ने बयान भी भेजे। उसी आश्रम के संचालक के खिलाफ अचानक इतना बड़ा गंभीर मामला सामने आना बड़ी बात है। यह साजिश है या सच, यह जांच का विषय है, लेकिन यह जरूरी है कि निष्पक्ष तरीके से जांच कर सच जनता के सामने आना चाहिए। क्योंकि आमजन वृद्धाश्रम को मंदिर की तरह मानते हैं। उनका मानना है कि जिन्हें कहीं पर भी रहने को जगह नहीं मिलती है, उन्हें आश्रम में स्थान मिलता है। इसलिए दूध का दूध और पानी का पानी होना ही चाहिए। ताकि अन्य ऐसे स्थलों के लिए भी यह नजीर बन सके।
-जांच कमेटी गठित की गई थी। तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया था, लेकिन अभी तक रिपोर्ट मेरे पास नहीं आई है।
हिमांशु गुप्ता
जिला कलक्टर
-सुनने में ही आया है कि जिला कलक्टर की ओर से जांच कमेटी गठित की गई है, इसमें मैं भी शामिल हूं। अभी तक कमेटी का कोई आदेश, बैठक की सूचना या जांच के लिए कमेटी ने भी कोई सूचना नहीं दी है।
सतीश वर्मा
पुलिस उपाधीक्षक शहर
-स्वयं मैं आश्रम जाकर जांच कर आया हूं। अभी कमेटी के अन्य सदस्यों का भी जांच करना बाकी है। बीच में चुनाव भी आ गए हैं, इसलिए व्यस्त हो गए हैं। अभी तक कुछ भी कहना मुमकिन नहीं है। जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद ही कुछ बता सकता हूं।
राजेंद्र गुर्जर
उपनिदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग