कस्बे के कुम्हेर सड़क मार्ग पर करोड़ों की जमीन दान में देकर बनाए गए रोडवेज बस स्टेंड पिछले कई वर्षों से कर रहा बसों का इंतजार। अधिकारियों की कथित अनदेखी व लापरवाही के चलते बस स्टैंड बन्द ही पड़ा है। नदबई कस्बे में राजस्थान पथ परिवहन निगम की बसों के ठहराव के लिए कोई निश्चित जगह नहीं थी। जिसके बाद कस्बा निवासी एक भामाशाह की ओर से अपनी करोड़ों रुपए की कुम्हेर रोड स्थित जमीन को बस स्टैंड बनाने के लिए दान दी गई। जिसके बाद ही राजस्थान पथ परिवहन की बसें चली। जो कुछ दिन ही चली और उसके बाद बन्द हो गई। करोड़ों की दान में दी गई बस स्टेंड की भूमि दुर्दशा का शिकार हो रही है।
बस स्टैंड की इमारत जर्जर हो चुकी है। कहीं गंदगी तो कही आवारा मवेशियों का जमाबड़ा बना रहता है। रोडवेज के अधिकारियों और सरकार चलाने वालों की कथित अनदेखी व लापरवाही के चलते बसों के बस स्टेंड पर न आने के कारण कस्बेवासी करीब एक किमी पैदल चलकर बसों तक पहुंच पाते हैं।
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करवा चौथ पर पति ने पत्नी को दिया जिंदगी का तोहफा, किडनी देकर बचाई जान जहां देर रात्रि व तड़के जाने में महिला यात्री अपने आप को सुरक्षित भी महसूस नहीं कर पाती हैं। जिसके कारण अन्य किसी परिवार के सदस्य को साथ लेकर बस में बैठ पाती हैं। रोडवेज बसें शहर में कई जगह रोड साइड पर ही स्टैंड बनाकर संचालित होती हैं। कभी तो इतना तक हो जाता है,जब मुख्य बाजार में भीड़ होती है, तो बस के चालक को आसपास कुछ दिखाई तक नहीं देता। ऐसा कई बार हुआ है कि, लोग बस के नीचे आते आते बचे हैं।
बजट नहीं होने से बस स्टैंड के भवन निर्माण नहीं हो पा रहा है। आबादी क्षेत्र में बसों को निकालने में परेशानी होती है। ओवर ब्रिज बन जाएगा तब आने जाने की सुविधा हो जाएगी। तभी जाकर बस स्टैंड से बस संचालित होंगी।-अतर सिंह, कार्यवाहक मुख्य प्रबंधक, लोहागढ़ डिपो, भरतपुर
मैंने अपने विधायक कोष से पचास लाख की घोषणा की है। जल्दी ही बस स्टैंड का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा और बसों का संचालन जल्दी ही स्टैंड से संचालित होगा। उधर आरोबी का निर्माण कार्य जल्दी ही पूरा होगा। जिससे रोडवेज बस स्टैंड से ही संचालित हो सकेंगी।