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हम बात कर रहे हैं रोडवेज परिवहन की। सरकार की ओर से रोडवेज में यात्रा करने पर अनेक रियायत एवं नि:शुल्क परिवहन की घोषणाएं की गई हैं, लेकिन मार्ग पर बसों की कमी के चलते लोगों को निजी या प्राइवेट वाहनों से गन्तव्य पहुंचना पड़ता है। कुछ बस खटारा हो चुकी हैं तो कुछ बस समय अवधि पार कर चुकी हैं। फिर भी उन्हें खींचा जा रहा है। हालात यह हैं कि कुछ मार्गों पर तो कोई बस ही नहीं हैं और कुछ मार्गों पर बसों की संख्या आधी कर दी गई है। ऐसे में लोगों को नि:शुल्क परिवहन की घोषणाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
बोले यात्री, ऐसे तो मिल गया नि:शुल्क यात्रा का लाभ: सीकरी कस्बे से जिला मुख्यालय भरतपुर के लिए चलने बाली रोडवेज बस कई वर्षों से बंद है। इससे आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही है। सीकरी से ग्रामीण क्षेत्रों से होकर रोडवेज चलती थी। अब उस मार्ग पर यातायात का कोई साधन नहीं हैं। लोगों को डग्गेमार वाहनों से सफर करना पड़ता है। कस्बा निवासी भामाशाह राम खण्डेलवाल ने बताया कि सरकार ने बस को बंद कर दिया। अब कई वर्षों से बस बंद पड़ी है कोई सुनवाई करने वाला ही नहीं है।
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यहीं हाल जुरहरा के यात्रियों का है। उनका कहना है कि जुरहरा से सुबह 5 बजे वाया भरतपुर जयपुर के लिए एक रोडवेज बस संचालित है। उसके बाद भरतपुर के लिए जुरहरा से कोई रोडवेज बस नहीं है। पूर्व में एक बस 7 बजे भरतपुर के लिए संचालित थी जो बंद है। कस्बा निवासी पूरन लाल सैनी एवं नेमचंद सैनी ने बताया कि जुरहरा हरियाणा सीमा पर स्थित है। यहां से दिल्ली व अलवर 100 किलोमीटर की दूरी पर है, लेकिन कोई बस संचालित नहीं है। इससे सरकार की योजनाओं का आम आदमी को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। बस स्टैंड निवासी किराना मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष पूरन सैनी ने सरकार से यहां से रोडवेज बस चलाने की मांग की।