पर्यटकों पर पड़ रहा था असर
सरकार ने 5 अक्टूबर 2023 को उद्यान में इ-रिक्शा के साथ नेचर गाइड की अनिवार्यता का नियम लागू किया था। इसके तहत दो घंटे की ट्रिप में एक इ-रिक्शा में अधिकतम 4 पर्यटक बैठ सकते थे। दो घंटे के लिए इ-रिक्शा का शुल्क 800 रुपए और नेचर गाइड का भी शुल्क 800 रुपए रखा गया था। तीन घंटे की ट्रिप में यह शुल्क 1200-1200 रुपए किया गया था। यदि पर्यटक इससे ज्यादा समय घूमना चाहता था तो प्रति घंटे 300-300 रुपए अतिरिक्त शुल्क देना होता था। इस लिहाज से यदि चार पर्यटक इ-रिक्शा से तीन घंटे घूमना चाहते थे तो इ-रिक्शा व नेचर गाइड का 2400 रुपए शुल्क और प्रति भारतीय पर्यटक 155 रुपए के हिसाब से 620 रुपए के हिसाब से कुल 3020 रुपए शुल्क चुकता करना होता था, लेकिन अब यह शुल्क 4 पर्यटकों पर प्रति तीन घंटे के हिसाब से 1820 रुपए ही लगेगा।
पर्यटकों की संख्या भी हो रही थी प्रभावित नेचर गाइड की अनिवार्यता वाले नियम को लेकर काफी पर्यटकों ने सरकार के स्तर पर शिकायत की थी। पर्यटकों का मानना था कि नेचर गाइड के अनिवार्यता वाले नियम की वजह से उन्हें घना घूमना ज्यादा महंगा साबित हो रहा है। इस लिहाज से देखा जाए तो घना में वर्ष 2022-23 में 98 हजार 452 पर्यटकों की तुलना में वर्ष 2023-24 में 81 हजार 159 ही पर्यटक पहुंचे थे। पर्यटकों की संख्या में गिरावट की एक वजह यह नियम भी बन रहा था। ऐसे में सरकार ने सभी पहलुओं को देखते हुए नियम में संशोधन किया है।
इनका कहना है सरकार ने नियम में संशोधन किया है। इससे अब पर्यटकों की जेब पर कम भार पड़ेगा। इसको लेकर पर्यटकों ने सरकार के स्तर पर अपनी बात पहुंचाई थी। इसमें बताया था कि घना घूमना ज्यादा महंगा साबित हो रहा है। अब नेचर गाइड की अनिवार्यता नियम में संशोधन कर दिया है। इससे अब यहां आने वाले पर्यटकों को राहत मिलेगी।
मानस सिंह, डीएफओ केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान