जिला प्रमुख के चुनाव को लेकर चल रही उठापटक के बीच शुक्रवार को साधारण सभा बैठक ने एक बार फिर चुनावी खेल शुरू कर दिया। क्योंकि जहां पहले खुद जिला परिषद् सदस्यों ने विकास कार्यों के प्रस्ताव देकर उन्हें स्वीकृत कराने की मांग रखी। ऐनवक्त पर उन्हीं सदस्यों ने कांग्रेसी दावेदार के साथ जाकर बैठक का बहिष्कार कर दिया। इतना ही नहीं इस बैठक में भाजपा के जिले के तीन पदाधिकारी के साथ ही पार्टी के ज्यादातर सदस्यों ने दूरी बनाई। क्योंकि इससे पहले जून माह में भी जिला प्रमुख के पद को लेकर सियासी खींचतान हुई थी, लेकिन राज्य सरकार ने चुनाव स्थगित कर दावेदारों को किनारे कर दिया था।
शुक्रवार दोपहर तीन बजे जिला परिषद् की साधारण सभा की बैठक बुलाई गई थी। क्योंकि जिला परिषद् की अंतिम बैठक सितम्बर 2023 को हुई थी। इसके बाद से जिले के जिला परिषद् सदस्यों के वार्डों में विकास कार्यों की कमी महसूस की जा रही थी। बैठक में डीग व भरतपुर जिले के सातों विधायकों को भी बुलाया गया था, इसमें दो विधायक भी बैठक में शामिल होने पहुंचे। बैठक में करीब 13 सदस्य पहुंचे, लेकिन उन्होंने बैठक का बहिष्कार करते हुए रजिस्टर में हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया, हालांकि विकास कार्यों के प्रस्तावों को मंजूरी देने की मांग रखी, लेकिन अधिकारियों ने बगैर बैठक नियमों का हवाला देते हुए ऐसा करने से इंकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस गुट के दावेदार के साथ 21 सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया। वहीं दूसरी ओर से यह भी सामने आया है कि बहिष्कार में भाजपा के कुछ सदस्यों ने भी समर्थन दिया है। ऐसे में पार्टी ने ऐसे सदस्य व पदाधिकारियों की सूचना भी मांगी है। संभावना है कि ऐसे पदाधिकारियों पर पार्टी हाइकमान की ओर से कार्रवाई की जा सकती है। क्योंकि जून माह हुए घटनाक्रम में भी उनके कांग्रेस की बाड़ेबंदी के फोटो वायरल हुए थे।
Hindi News / Bharatpur / अब भरतपुर में जिला प्रमुख पद के चुनाव को कांग्रेस की चुनौती!