नई मंडी का स्थान अब कुम्हेर गेट में निर्धारित किया गया है, जिसे अटलबंध मंडी के नाम से जाना जाएगा। वर्ष 2005 की आवंटन नीति के तहत इस स्थानांतरण की प्रक्रिया वर्ष 2008 से लंबित थी, लेकिन अब गत वर्ष विज्ञप्ति जारी कर आवेदन प्राप्त किए गए थे। पात्र आवेदकों को अचल संपत्ति आवंटन के तहत 118 दुकानें आवंटित की गईं।
इसमें सरसों व्यापारियों के लिए दो प्रकार के भूखंड आवंटित किए गए हैं। इसमें 20 गुणा 85 और 20 गुणा 105 आकार के हैं, उनकी रिजर्व प्राइज 20 से 25 लाख तक रखी गई है। इस आवंटन से लगभग 30 से 40 करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है, जिसका उपयोग कुम्हेर गेट स्थित अनाह गेट नामक क्षेत्र में मंडी के विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।
कुम्हेर गेट मंडी में होंगे ये कार्य
मंडी आवंटन से प्राप्त होने वाली आय से कुम्हेर गेट मंडी में कई आवश्यक विकास कार्य किए जाएंगे। इनमें प्रमुख रूप से सड़क निर्माण, दुकानों के सामने सरसों की ढेरियां रखने के लिए प्लॉट फॉर्म तैयार करने और किसानों की सुविधा के अनुसार काम करना शामिल है। इसके अलावा कई साल से जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए ड्रेनेज सिस्टम को भी दुरुस्त किया जाएगा। किसानों को होगा फायदा
भरतपुर में गेहूं और सरसों मंडी एक ही जगह होने का लाभ किसानों को भी मिलेगा। अब किसान एक ही भाड़े में या खुद के ट्रैक्टर से सरसों और गेहूं को बिक्री के लिए ला सकेंगे। अब तक उन्हें अलग-अलग जगह जाना पड़ता था। किसानों के एक ही जगह बड़ी संख्या में एकत्रित होने से अन्य लोगों को भी यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यहां सब्जी मंडी भी रहेगी। ऐसे में यहां इस बिक्री में भी इजाफा होने के आसार हैं।
राशि जमा होने के बाद वितरित किए जाएंगे पट्टे
118 दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब यह निदेशालय को अनुमोदन के लिए भेजी जाएंगी। अनुमोदन के बाद राशि जमा करने के बाद पट्टे वितरित किए जाएंगे। साथ ही मंडी के विकास के लिए नई योजना तैयार की जाएगी। हम इस कार्य को अगले दो माह में पूरा करने की उम्मीद रखते हैं। - कौशल शर्मा, सचिव मंडी समिति, भरतपुर