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Rajasthan News : साइबर ठगों ने अपनाया पैसे ऐंठने का नया तरीका, अब लोगों को ऐसे लगा रहे चूना, पुलिस भी हैरान

New Way Of Fraud : ठगी करने वाले ठग पहले लोगों से खुद के खातों में पैसा मंगाते थे। इसके लिए इन्होंने खुद के घरों में निजी बैंक के एटीएम तक लगा लिए थे, लेकिन पुलिस इन तक पहुंच गई। ऐसे में यह रास्ता ठगों के लिए बंद हो गया। अब ठग कई बैंकों के मित्र बन गए हैं, जो ग्राहकों से राशि के लेन-देन का काम करते हैं।

भरतपुरApr 06, 2024 / 03:45 pm

जमील खान

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भरतपुर. ठगी के पैसे को खुद के खाते में मंगवाकर उसे एटीएम से निकालने में पकड़े जाने से बचने के लिए अब मेवात के ठग बैंक मित्र बन रहे हैं। ठगों ने यह ट्रेंड इसलिए अपनाया क्योंकि एटीएम से राशि निकालने में सीसीटीवी में कैद हो जाते थे, लेकिन इससे ऐसा नहीं हो पा रहा है। ठगी करने वाले ठग पहले लोगों से खुद के खातों में पैसा मंगाते थे। इसके लिए इन्होंने खुद के घरों में निजी बैंक के एटीएम तक लगा लिए थे, लेकिन पुलिस इन तक पहुंच गई। ऐसे में यह रास्ता ठगों के लिए बंद हो गया। अब ठग कई बैंकों के मित्र बन गए हैं, जो ग्राहकों से राशि के लेन-देन का काम करते हैं। इसमें ई-मित्र संचालक भी शामिल हैं। ज्यादातर बैंकों ने क्षेत्र में बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट (बीसी) बना रखे हैं। इन लोगों को बैंक से स्वाइप मशीन भी मिलती है। ग्राहक इस मशीन पर कार्ड को स्वाइप कर पैसे निकाल सकता है।

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एक माह में ठगों के खिलाफ हुई कार्रवाई
27 एफआइआर हुई दर्ज

105 साइबर आरोपी किए चिह्नित

22.70 लाख रुपए कैश बरामद

237 मोबाइल, 112 एटीएम कार्ड किए जब्त

09 माइक्रो एटीएम किए बरामद

05 स्वीप मशीन बरामद

6 लैपटॉप, एक टेबलेट, 6 कम्प्यूटर भी बरामद

27 पासबुक, 36 चेकबुक बरामद

1 कैश काउंटिंग मशीन बरामद

ऐसे चलता है खेल
पुलिस जांच में सामने आया है कि कई ठग ऐसे चिह्नित किए गए हैं जो कि बैंक मित्र बनकर ठगी कर रहे हैं। जबकि कुछ ठग बैंक मित्र व ई-मित्र संचालकों के साथ कमीशन पर राशि निकलवा रहे हैं। यदि साइबर जालसाज ठगी के एक लाख रुपए स्वाइप कर निकालता है तो उसे बीसी को भी उसमें से अच्छी रकम देनी होती है। इस कार्य से ठगों से सभी रिस्क खत्म हो रही हैं। वहीं बीसी मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। खास बात यह है कि मेवात क्षेत्र में कई ई-मित्र संचालक भी इस धंधे से जुड़ गए हैं।

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केस 1
दिसंबर 2023 में कानपुर पुलिस ने कोसीकलां से मेवात के दो ठगों को गिरफ्तार किया था। इसमें सामने आया था कि ठठिया कन्नौज निवासी विजय कुमार और तिर्वा कन्नौज निवासी विजय कुमार को गिररफ्तार किया। जांच में सामने आया कि दोनों ही ठग बैंक मित्र थे। फर्जी दस्तावेज के आधार पर बैंक मित्र बने थे।

केस 2
10 मार्च को पुलिस ने मेवात में दबिश देकर तीन बाल अपचारियों को निरूद्ध किया। इसमें सामने आया कि आरोपी बैंक मित्र के माध्यम से ठगी की रकम कमीशन देकर निकालते थे।

‘ठग बीसी के जरिए पैसे निकाल रहे हैं। स्वाइप मशीन से ठग घर बैठे पैसे ले रहे हैं। इसमें कई ई-मित्र संचालक भी शामिल हैं। एटीएम से कैश निकालने में इन्हें सीसीटीवी में कैद होने का डर रहता है। अब पुलिस की राडार पर ऐसे लोग हैं।’ राहुल प्रकाश, पुलिस महानिरीक्षक भरतपुर रेंज

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