शोभायात्रा में झाकियां, स्वांग, आकर्षक बैण्ड, ढोल नगाड़ा पार्टी, घोड़ी नृत्य, महिला नृत्य के अलावा अन्य आकर्षण के केन्द्र बने हुए थे। शोभायात्रा के दौरान समिति के सदस्य लोगों पर सुगन्धित पुष्पों की वर्षा कर चंदन लगाते चल रहे थे। शोभायात्रा में ‘‘मेरो खो गयो बाजूबंध रसिया होरी में’ ब्रज गीत पर चल रहा था। इस दौरान पूरे शहर में फूल पत्तियों की बरसात हुई। शोभायात्रा का शहर में विभिन्न संस्थाओं की ओर से जगह-जगह स्वागत किया गया।
शोभायात्रा के दौरान महामूर्खाधिराज डॉ. नवीन पाराशर को संस्था के अध्यक्ष जहां गोभी का फूल सुंघा रहे थे वहीं सीए अतुल मित्तल उन्हें बच्चे की दूध की बोतल से दूध पिलाया जा रहा था, जो इस शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण केन्द्र रहा। शोभायात्रा में अमर सिंह, हरीमोहन मित्तल, पवन खंडेलवाल, नरेन्द्र सिंह, प्रदीप शर्मा, किशन गुप्ता, नवीन शर्मा, राजकुमार ववुआ, जसविंदर सिंह गिल, त्रिलोक सर्राफ आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
इसी प्रकार शोभायात्रा का महाराजा श्री अग्रसेन शोभायात्रा समिति के सह संयोजक मोहन मित्तल के नेतृत्व में बड़ा बाजार में स्वागत किया गया। अमरचंद मित्तल ने बताया कि महामूर्खाधिराज को चांदी का मुकुट, साफा, पटका, हार पहनाया गया।