योजना के अनुसार यदि किसी कृषि उपभोक्ता का विद्युत कनेक्शन भार बढ़ा हुआ मिला तो उस पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। उपभोक्ता केवल धरोहर राशि के रूप में 60 रुपए प्रति एचपी की दर से जमा करवाकर इस भार को नियमित करवा सकेगा। जिससे वह राहत पा सकेगा।
वीसीआर को भी नियमित कराया जा सकेगा
ऐसे कृषक जो उसी कुएं पर दूसरी मोटर लगाकर भार वृद्धि करते हैं अथवा दूसरे कुएं पर जो उसी खसरा, खेत, परिसर या मुरब्बा में हो लेकिन दूसरी मोटर चलाने के लिए भार बढ़ाते हैं उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। यदि उपभोक्ता को पहले से ही दो मोटरें स्वीकृत हैं और वह उनके भार में वृद्धि करना चाहता है तो वह इस योजना का लाभ ले सकता है। योजना लागू होने के दौरान यदि किसी उपभोक्ता की बढ़े हुए भार की वीसीआर भरी जा चुकी है तो वह भी योजना के प्रावधानों के अनुसार नियमित की जाएगी। स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना की समाप्ति के बाद भार सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
योजना की समाप्ति के बाद जुर्माना वसूला जाएगा
जयपुर विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता बीएल वर्मा ने बताया कि उपभोक्ता इस योजना का लाभ नहीं उठाते हैं तो योजना की अवधि समाप्ति पर चैकिंग के दौरान उनका भार स्वीकृत भार से अधिक मिला तो बढ़े हुए भार पर कृषि नीति (आरईओ 267) के अनुसार राशि वसूली जाएगी।
इसके अलावा दो वर्ष पूर्व तक कटे हुए कनेक्शनों को यदि उपभोक्ता भार वृद्धि के साथ जुड़वाना चाहता है तो वह भी इस योजना का लाभ ले सकता है। योजना अवधि में लाभ उठाने वाले कृषि उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक होने पर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि और नई 11 केवी लाइन तथा सब-स्टेशन का खर्चा निगम की ओर से वहन किया जाएगा।
सरकार की यह योजना किसानों के लिए लाभकारी है। वो कृषि उपभोक्ता जिनका लोड स्वीकृत भार से अधिक है। वो बिना किसी पैनल्टी के 60 एचपी की दर से सहायक अभियंता कार्यालय में जमा कराकर लाभ ले सकते हैं। - बीएल वर्मा, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण निगम, डीग।