यह मंदिर भरतपुर जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर ब्रह्मबाद में स्थित है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह मंदिर काफी पुराना है। इस मंदिर में पूजा पाठ वर्षों से चली आ रही है। उनका कहना है कि इस कुएं से ही शीतला माता प्रकट हुई थी और लोगों के लिए दर्शन दिए थे। पुजारी कहते हैं कि चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यहां पर विशाल मेले का आयोजन होता है। इस मेले में राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों के लोग शीतला माता का दर्शन करने एवं जल से स्नान करने के लिए आते हैं।
पुजारी ने यह भी कहा कि इस कुएं के पानी से स्नान करने के बाद लोग बहुत खुश होते हैं और पानी की शक्ति से आश्चर्यचकित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां साल भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है।
गौरतलब है कि देश में कई ऐसे चमत्कारी स्थान हैं जिनसे हजारों श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास जुड़ा हुआ है। दुख और सुख दोनों ही क्षणों में भक्त ऐसे स्थानों पर पहुंचते हैं। आप दौसा में मेहंदी बालाजी, बाड़मेर में किराडू मंदिर या अजमेर में पुष्कर मंदिर के बारे में बात कर सकते हैं। राज्य के इन स्थानों पर साल भर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
नोट: लोगों की भक्ति और श्रद्धा के आधार पर इस खबर को बनाया गया है। पत्रिका इसकी पुष्टि नहीं करता है।