रेलवे बोर्ड द्वारा इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके अंतर्गत सबसे पहले जमीन समतलीकरण का कार्य किया जाएगा। फिलहाल उत्तर मध्य रेलवे के पंचमुखी से बिवाई खंड तक भूमि समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है। 2 साल में इसका काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
राजस्थान का सबसे पुराना रेलमार्ग है बांदीकुई-आगरा
बांदीकुई-आगरा लाइन राजस्थान का सबसे पुराना रेलमार्ग है। यहां पहली रेल (मीटरगेज लाइन) जयपुर रियासत में आगरा फोर्ट से बांदीकुई के बीच अप्रैल 1874 में चलाई गई। यह रेलमार्ग करीब 150 किलोमीटर लंबा है। यह रेलमार्ग आगरा से सीधे जयपुर व अजमेर को जोड़ता है। 20 साल पहले इस रेलमार्ग पर मीटरगेट की लाइन को बॉडगेज में परिवर्तन किया गया था। दो साल पहले इस रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिकरण भी कर दिया, लेकिन दोहरीकरण का इंतजार कई सालों से था। राजस्थान और उत्तर प्रदेश को एक साथ जोड़ने वाले ट्रैक पर चरणबद्ध तरीके से आगे का कार्य किया जाएगा।उत्तर मध्य रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण के कार्य को लेकर भूमि अवाप्त की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। जिसके लिए भारत सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर उपखंड अधिकारी भरतपुर व नदबई को सक्षम अधिकारी नियुक्त किया है।
बांदीकुई से लेकर आगरा तक रेलवे ट्रैक की लंबाई करीबन 151 किलोमीटर है। इस रेलवे ट्रैक का निर्माण 1874 में किया गया था। आगरा से बांदीकुई ऐतिहासिक रेलवे लाइन का करीब 150 वर्ष बाद दोहरीकरण कार्य किया जा रहा है। इस रेलवे ट्रैक का काम आगामी 2 वर्षों में पूरा होना है। साल 2026 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
तीन चरणों में 300 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति
आगरा बांदीकुई रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण कार्य पर रेलवे बोर्ड द्वारा करीबन 1388 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। इसे लेकर अब तक तीन चरणों में 300 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है। जिसमें पहले फेज में 30 करोड़, दूसरे चरण में 70 करोड़ और तीसरे चरण में 200 करोड रुपए दिए जा चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि आगरा फोर्ट-बांदीकुई रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य का 16 फ़रवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल शिलान्यास किया। 150 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण का कार्य मई 2026 तक पूरा होना है। जयपुर से आगरा तक ट्रेन में सफर करने वालों के लिए यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। रेलवे बोर्ड ने तकरीबन पांच साल पहले आगरा से बांदीकुई रूट का सर्वे करवाया था। अब इस रूट पर डबलिंग की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 987 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया है।
नए स्टेशन भवनों का होगा निर्माण
रेलवे लाइन के दोहरीकरण के साथ-साथ यात्रियों की भरपूर सुविधा के लिए कई स्टेशन भवनों का होगा निर्माण इस रेलमार्ग पर बांदीकुई व आगरा को छोड़कर बिवाई, घोसराना, करणपुरा, मंडावर, खेडली, नदबई, पपरेडा, हेलक, भरतपुर, ईकरण, चिकसाना, अछनेरा, रायभा, बिचपुरी, ईदगाह स्टेशन पर नए भवन का निर्माण होगा।
समय के साथ-साथ पैसे की होगी बचत
बांदीकुई आगरा रेल मार्ग राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों को आपस में जोड़ता है। इस रेल मार्ग का दोहरीकरण होने से पैसे के साथ साथ समय की भी बचत होगी। इस रेल लाइन पर फिलहाल 30 जोड़ी सवारी गाड़ियां संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही करीब 40 मालगाड़ियां प्रतिदिन इस रेल लाइन पर इधर से उधर माल ढुलाई का काम करती है। भविष्य में इस ट्रैक पर और भी सवारी और मालगाड़ियां चलाई जाने की संभावना है। इस रेलवे लाइन पर गाड़ियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए दोहरीकरण की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। बांदीकुई से आगरा के करीब 151 किलोमीटर लम्बे रेलवे ट्रैक पर कई बार मालगाड़ी व पेंसेंजर ट्रेनों को रोककर एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों को निकाला जाता हैं। ऐसे में ट्रेन कई बार स्टेशनों पर लम्बे समय तक अटकी रहती हैं। बांदीकुई-आगरा रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण होने से भविष्य में आगरा से बांदीकुई के बीच का सफर का समय घट सकेगा। साथ ही और भी सवारी गाड़ियां बढ़ सकेंगी।