खेल मेंं गरीबी को नहीं आने दिया आढ़े
प्रभातपट्टन ब्लॉक के ग्राम रगडग़ांव की एक बेटी ने प्रतिभा के दम पर अपना लोहा मनवा दिया है। आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय है कि दौड़ के अभ्यास के लिए अपने पैंसों से शूज तक नहीं खरीद सकती है।
बैतूल। प्रभातपट्टन ब्लॉक के ग्राम रगडग़ांव की एक बेटी ने प्रतिभा के दम पर अपना लोहा मनवा दिया है। आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय है कि दौड़ के अभ्यास के लिए अपने पैंसों से शूज तक नहीं खरीद सकती है। इसके बाद भी जिले का नाम राज्य स्तर तक किया है। खिलाड़ी की मेहनत को देखते हुए अधिकारी भी अब यह नहीं कहने से चूकते हैं,इस बेटी लगन और मेहनत देखकर लगता है कि एक दिन यह जिले का नाम जरुर रोशन करेगी।
्रजिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग अधिकारी मनु धुर्वे ने बताया कि छात्रा संगीता पिता मुन्ना उइके का विपरित परिस्थिति के बावजूद खेल के प्रति लगन और मेहनत देखते ही बनती है। छात्रा की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि उसके पास दौड़ के अभ्यास के लिए शूज तक नहीं है। बिना शूज के ही वह अभ्यास करती है। पिछले दिनों जिला स्तर पर हुई स्पर्धा में छात्रा बिना शूज के ही दौड़ में शामिल हुई थी। जिसके बाद हमारे द्वारा उसकी शूज की व्यवस्था की थी। छात्रा भोपाल में हुई राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री कप स्पर्धा में भोपाल में शामिल हुई थी। छात्रा का स्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन रहा था। छात्रा को लोगों का सहयोग मिलता है तो यह जिले का नाम रोशन कर सकती है। छात्रा में खेल के प्रति लगन है।
पिता सोसाइटी में हैं चपरासी
संगीता उइके प्रभातपट्टन ब्लॉक के ग्राम रगडग़ांव निवासी है। ग्राम गेहंूबारसा में कक्षा दसवी की छात्रा है। छात्रा अपने गांव में ही अभ्यास करती है। छात्रा के पिता मुन्ना उइके की आर्थिक हालत खराब है। मुन्ना के दो बेटी और दो बेटे हंैं,जिसमें से संगीता एक है। मुन्ना उइके गांव की सोसाइटी में चपरासी है।
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