पुलिस के अनुसार सिटी कोतावाली में चुनियाबाई विश्वकर्मा ग्राम फरी निवासी ने 4 जनवरी को सूचना दी कि 3-4 जनवरी की मध्य रात्रि उसकी बहू गंगोत्री विश्वकर्मा पति दुर्गेश विश्वकर्मा उम्र 23 साल की उसके घर के अंदर बने बाथरूम में आग में जलने से मौत हो गई। सूचना पर थाना में मर्ग कायम कर जांच शुरू की गई। जांच व बयान लेने के साथ ही घटना स्थल निरीक्षण के दौरान मृतका का शव बाथरूम में एक जगह कोने में स्थिर पाया गया। वहीं जलने से मृतका द्वारा संघर्ष का निशान नहीं पाया गया।
पुलिस ने पहली नजर में पाया गया कि मृतका की हत्या के बाद मिट्टी तेल डालकर जलाया गया। घटना स्थल से 5 लीटर के प्लास्टिक डिब्बे में केवल 50 एमएल मिट्टी तेल बचा हुआ था। साथ ही एक नग माचिस की डिब्बी, एक जोड़ी प्लास्टिक का चप्पल एवं एक नग बैच होल्डर व मृतका द्वारा पहने हुए जले कपड़े एवं राख जब्त किया गया। मृतका के शव का डॉक्टरों की विशेष टीम द्वारा पीएम करने के बाद रिपोर्ट के आधार पर
हत्या के बाद साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से मृतका के शव को मिट्टी तेल से जलाया जाना पाया गया। इस पर आरोपी के खिलाफ धारा 103(1), 238 (ए) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पायल खरीदने कहा था इसलिए जला दिया
प्रकरण में विवेचना के दौरान संदेह के आधार पर मृतका के पति दुर्गेश विश्वकर्मा को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने बताया कि मृतका गंगोत्री विश्वकर्मा पिछले 4-5 दिन से पायल खरीदने की जिद कर रही थी, जिस पर दोनों के बीच विवाद हुआ था। रात में बहस के बाद नाराज होकर आरोपी दुर्गेश विश्वकर्मा अपनी पत्नी पर बैठकर बलपूर्वक नाक व मुंह को बंद कर उसकी हत्या कर दी और सबूत छुपाने के लिए मृतका के शव को घर में बने बाथरूम में ले जाकर मिट्टी तेल डालकर आग लगाकर जलाने की बात कबूली।
प्रकरण में विवेचना दौरान आरोपी दुर्गेश विश्वकर्मा पिता विश्राम विश्वकर्मा पिता उम्र 26 साल को सोमवार को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर न्यायालय पेश किया गया। कार्रवाई में थाना सिटी कोतवाली प्रभारी उप निरीक्षक राकेश साहू, उप निरीक्षक शैल शर्मा, सहायक उप निरीक्षक शशीकांता साहू, सउनि उदलराम टांडेकर, सउनि संतोष मिश्रा, प्रधान आरक्षक हेमंत साहू, आरक्षक देवेन्द्र साहू, महेश दिवाकर, राजेन्द्र जायसवाल, शिवकुमार सेन, रामगोपाल निषाद, चुरावन पाल आदि शामिल रहे।