पाइप लाइन टूटने की सूचना से जलदायकर्मी सकते में आ गए। सूचना पर जलदाय कर्मियों ने तत्काल स्याऊ में नलकूपों से जलापूर्ति बंद करवाई। तब जाकर राहत मिली। इस बीच 50 हजार लीटर पानी व्यर्थ बह गया। हालांकि बाद में जलदायकर्मियों ने जोड को ठीक कर आपृूर्ति बहाल करवाई। पाइप लाइन टूटने एवं दुरुस्त करने के बीच करीब 4 घंटे तक बोरिंगों से जलापूर्ति बंद रही।
शाम को नलों में पानी नहीं पहुंचा तो उपभोक्ताओं में पानी को लेकर चिंता बढ़ गई। उपभोक्ता इधर-उधर पानी आपूर्ति को लेकर जानकारी जुटाते रहे। उनका कहना था कि पहले ही 48 घंटे में जलापूर्ति होती है। अब पाइप लाइन टूटने से फिर 48 घंटे बाद ही नलों में पानी आएगा। तब तक निजी टैंकरों से जलापूर्ति करानी होगी। उपभोक्ताओं ने जलदाय कर्मियों से पानी की व्यवस्था कराने की मांग की है।
उपभोक्ताओं का कहना था कि पहले जयपुर-सीकर हाइवे पर चल रहे निर्माण में खुदाई में बार-बार पाइप लाइन के टूटने से जलापूर्ति प्रभावित रही है। उसमें कुछ दिन से राहत मिली है तो अब धोबलाई में वाहन ने पाइप लाइन को तोड़ दिया। बार-बार पाइप लाइन टूटने की वजह से उपभोक्ता जलापूर्ति प्रभावित होने से परेशान है।
हां, धोबलाई पुलिया के पास वाहन का टायर चढऩे से पाइप लाइन का जोड़ टूट गया था। इससे चौमूं शहर में मोरीजा रोड पर महिला कॉलेज वाली टंकी से जलापूर्ति प्रभावित रही है। पाइप लाइन को दुरुस्त कर दिया है।
सुनील कुमावत, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग चौमूं