अस्पताल में पंचकर्म चिकित्सा छह माह से भी अधिक समय से की जा रही है। पंचकर्म चिकित्सा प्रभारी डॉ. यादराम प्रजापत ने बताया कि पंचकर्म चिकित्सा का लाभ लेने के लिए शहर सहित दूर-दराज के लोग आ रहे है, लेकिन महिला मरीजों का कहना है कि महिलाएं व युवतियों को महिला चिकित्साकर्मी नहीं होने से झिझक है। पंचकर्म चिकित्सा पुरुष की बजाय महिला कर्मी से कराना पसंद करती हैं। इसके अलावा 2 परिचारक एवं 1 कम्पाउन्डर का पद भी खाली चल रहा है।
अस्पतालों में एक साल पहले औषधियां आपूर्ति हुई थी। जो बहुत कम बताई जा रही है। हालांकि कुछ आठ दस तरह की औषधियां एवं दवाओं की आपूर्ति पिछले कई माह से नहीं हो पाई है। यहां चौमूं के अ श्रेणी अस्पताल में अब भी औषधियां नहीं पहुंची। अब धीरे धीरे स्टॉक कम होता जा रहा है।
चौमूं उपखंड सहित आसपास इलाके में 25 से अधिक अस्पताल संचालित हैं। चौमूं शहर, खेजरोली और किशनमानपुरा में अ श्रेणी के अस्पताल हैं। इसके अलावा सामोद, चीथवाड़ी, गोविंदगढ़, खेजरोली, अणतपुरा जैतपुरा, सिरसली, जालसू, नांगल भरड़ा, हाथनोदा, मंडा-भिंडा, महार कला, घिनोई, कानरपुरा, उदयपुरिया, किशनमानपुरा लोहरवाड़ा, डोला का बास में अस्पताल संचालित हैं।
1 दिसंबर- 17
2 दिसंबर -38
3 दिसंबर -38
4 दिसंबर -25
5 दिसंबर -37
6 दिसंबर -34
7 दिसंबर -35
8 दिसंबर- 11
9 दिसंबर- 37 इनका कहना है….
जल्द दवाओं की आपूर्ति होगी। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों से बात चल रही है। जो दवाइयां कम हैं या आपूर्ति नहीं हो रही है। उनके लिए विभाग को अवगत करवा रखा है।
–विष्णुदत्त शर्मा, प्रभारी, अ श्रेणी आयुर्वेदिक अस्पताल चौमूं